जब हादसे होते हैं तब जागता है प्रशासन


दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर।
शहर के एक नामी 5स्टार होटल में आग लगने के बाद प्रशासन को जैसे उस आग ने  नींद से जागने का काम किया और आनन -फानन में कलेक्ट्रेट में होटल मालिकों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें, होटल मालिकों को होटल की सुरक्षा के संबंध में निर्देश जारी किए गए। प्रश्न उठता है जब शहर में कोई ऐसी घटना हो जाती है जिसमें जनहानि या धन की हानि होती है तब प्रशासन  को कार्यवाही करने की याद क्यों आती है। इसके पहले 25 अप्रैल को जब एक कबाड़ खाने में विस्फोट हुआ तब प्रशासन को बाकी के कबाड़ खानों की याद आई इस तरह जब तिलहरी स्थित एक आलीशान होटल में आग लगती है तब प्रशासन को याद आती है।          

शिकायतों के बाद भी नहीं होती करवाई

बीच शहर में घनी बस्ती हनुमान ताल में एक मैदान में कम से कम 10 कबाड़ा खाने चल रहे थे। जिन्हें हटाने के लिए कई बार क्षेत्रीय लोगों द्वारा नगर निगम एवं नगर प्रशासन को शिकायत की गई लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। सूत्रों के अनुसार इन कबाड़ियों के द्वारा बाकायदा पुलिस विभाग ,जिला प्रशासन और नगर निगम को अच्छा खासा नजराना दिया जाता है।  

घरेलू सिलेंडरों का उपयोग बाकायदा व्यवसाय में हो रहा है

इसी तरह घरेलू सिलेंडरों के बारे में कई बार प्रशासन दिखावे की कार्यवाही करता है और खाना पूर्ति कर देता है। पिछले दिनों आधा सैकड़ा गैस सिलेंडर गोरखपुर घनी बस्ती में जप्त किए गए जो कि पूरे घरेलू गैस सिलेंडर थे।    

अब हादसों के इंतजार में बड़े-बड़े गोदाम

 इसी तरह शहर के बीचो-बीच कॉलोनीयों बड़े-बड़े कागज एवं अन्य गोदाम चल रहे हैं। कागज के गोदाम एवं रेड्डी के गोदाम चलाने वाले इन लोगों ने आग से बचने के क्या उपाय किए हैं आज तक प्रशासन के द्वारा जाँच नहीं की गई । यह इतनी सकरी गली में है और आसपास इतनी घनी बस्ती है कि अगर आग लग जाए तो निश्चित जन हानी के साथ धन हानि भी हो सकती है। उसके बाद भी प्रशासन आंख मूंदकर किसी हादसे के इंतजार में बैठा है।

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