टोकन मशीन की सुविधा है लेकिन मशीन हमेशा ख़राब रहती है
मरीजों की सुविधा के लिए रोगों के हिसाब से टोकन मशीन लगाई गई है और जिसमें किस मरीज को क्या रोग है उसको किसी एक्सपर्ट को दिखाना है उसका टोकन नंबर मिलता है। लेकिन देखने में आ रहा है हफ्ते में केवल दो या तीन दिन ही मशीन सही रहती है बाकी दिन इस मशीन का सर्वर डाउन रहता है या तो मशीन खराब रहती है। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है वह जो बुजुर्ग मरीज आते हैं उनको टोकन मशीन चलाना नहीं आती हैं जिसके कारण मशीन ख़राब हो जाती है। जबकि नियम के मुताबिक टोकन मशीन के पास एक स्थाई ऑपरेटर रहना चाहिए ताकि जिससे मशीन ऑपरेट करते नहीं आती है तो वह उसको टोकन निकाल कर दे सके।
दवाई के लिए टोकन देने वाला कर्मचारियों हो जाता है नदारत
इसी तरह कर्मचारियों को डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है जिसमें कई बुजुर्ग रिटायर्ड कर्मचारियों भी लाइन में लगे रहते हैं। जिसका कारण है यहां दवाई के लिए बनाई गई खिड़की से टोकन देने वाला कर्मचारी कुछ टोकन देने के बाद समय से पहले कुर्सी छोड़ देता है। स्थिति तो यह भी देखी देती है कई बुजुर्ग कर्मचारी गिड़गिड़ाते हुए नजर आते हैं परंतु यहां उपस्थित कर्मचारियों को रवैया उनके प्रति बिल्कुल भी गैर जिम्मेदाराना है।
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