Politics:21 सीटों पर उलटफेर के आसार, 20 सीट गढ़ कही जाने वाली... चौथे चरण में दिलचस्प होगा मुकाबला


दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर।
 लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 283 सीटों पर वोट डाले चुके हैं। अब भी चार चरण बाकी हैं,13 मई को चौथे चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 सीटों पर वोटिंग होगी।

चौथा चरण इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि इस फेज में होने वाली सीटों पर फेरबदल होने की बहुत संभावनाएं हैं। यानी, यहां ज्यादातर ऐसी सीटें हैं, जहां 2009 से किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है।

इंडिया टुडे की डेटा इंटेलिजेंस यूनिट ने 21 ऐसी सीटों की पहचान की है, जहां उलटफेर हो सकता है। इनमें अमलापुरम,अनाकापल्ली,अनंतपुरम, बापटला,एलुरु,काकीनाडा,नरसापुरम,राजामुंदरी,विशाखापट्टनम, विजयनगरम,खम्माम,श्रीनगर,मुंगेर,भोंगिर,सिंहभूम,आदिलाबाद,बर्दवान-दुर्गापुर,कालाहांडी और निजामाबाद शामिल हैं।

ये सीटें, जो गढ़ हैं

चौथे फेज की 96 में से 20 सीटें ऐसी हैं जो किसी न किसी पार्टी का गढ़ हैं। ये सीटें महबूबनगर,मेडक,मावल, शिरडी,बहरामपुर,नालगोंडा,अहमदनगर,बीड,दरभंगा,इंदौर,जलगांव,जालना,खरगोन,खूंटी,लोहारदगा,रावेर, बेरहामपुर,बीरभूम,कृष्णनगर और हैदराबाद हैं।

इन 20 में से 10 सीटें बीजेपी का गढ़ मानी जाती हैं. जबकि, दो-दो सीटों पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरए) और शिवसेना का दबदबा रहा है। बाकी पर कांग्रेस,टीएमसी,AIMIM और बीजेडी (बीजू जनता दल) मजबूत है।

इस फेज में जहां स्विंग सीटें और पार्टियों की गढ़ वाली सीटें लगभग बराबर हैं, वहीं पिछले दो चरणों में गढ़ वाली सीटों की संख्या ज्यादा थीं। फेज-2 में 34 और फेज-3 में 47 सीटें ऐसी थीं, जो किसी न किसी पार्टी का गढ़ थीं।

कड़ी टक्कर

फेज-4 की सीटों में से ज्यादातर पर 2019 में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। कोई भी पार्टी ऐसी नहीं थी, जिसने 40 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। सिर्फ तीन सीटें झारखंड की पलामू, महाराष्ट्र की जलगांव और जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर ही ऐसी सीटें थीं, जहां जीत का अंतर 35 फीसदी से ज्यादा था।

बीजेपी ने पलामू में 37.8% और जलगांव में 39.5% के वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। जबकि श्रीनगर सीट से फारूक अब्दुल्ला ने 37.5% के अंतर से जीत हासिल की थी।

वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में फेज-4 की 11 सीटें ऐसी थीं, जहां एक प्रतिशत से कम वोट के अंतर से जीत हासिल की थी।

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश की विजयवाड़ा से 0.7%,श्रीकाकुलम से 0.6% और गुंटूर से 0.4% के अंतर से चुनाव जीता था. वहीं, कांग्रेस ने तेलंगाना की मलकाजगिरी से 0.7% और भोंगिर से 0.4% के अंतर से जीत हासिल की थी। इसी तरह से विशाखापट्टनम,खूंटी,औरंगाबाद,कोरापुट,जहिराबाद और बर्धमान दुर्गापुर में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिला था।

2019 में किसने कितनी सीटें जीती थीं?

फेज-4 की 96 में से 42 सीटों पर 2019 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। 2009 में बीजेपी ने इनमें से सिर्फ 10 सीटें ही जीती थीं। जबकि 2014 के चुनाव में 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

2011 में बनी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भी इन सीटों पर तेजी से आगे बढ़ी है। वाईएसआर कांग्रेस ने 2014 में 9 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2019 में उसने 22 सीटें जीत ली थीं। दूसरी ओर, कांग्रेस लगातार जनाधार खो रही है। 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने 50 सीटें जीती थीं। जबकि 2014 में 3 और 2019 में 6 सीटें ही जीत सकी थी।

फेज-4 में बीजेपी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 43 सीटों पर 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए थे। जबकि इन 43 सीटों पर कांग्रेस को 10 फीसदी से भी कम वोट मिले थे।

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