MP:मध्य प्रदेश पीएससी के दो प्रश्नों के उत्तरों को कोर्ट ने माना गलत, सभी अभ्यार्थियों को मिलेगा लाभ

दैनिक सांध्य बन्धु मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग (पीएससी) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के दो प्रश्नों के उत्तरों को गलत ठहराया है, जिससे सभी अभ्यार्थियों को लाभ मिलेगा। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में प्रारंभिक परीक्षा के एक प्रश्न (प्रेस की स्वतंत्रता) को गलत मानते हुए उसे डिलीट करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, एक अन्य प्रश्न (कबड्डी संघ का मुख्यालय) के उत्तर (दिल्ली) को गलत माना गया है।

हाईकोर्ट का आदेश और पीएससी के दिशा-निर्देश

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने पीएससी-2023 की प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न "प्रेस की स्वतंत्रता" को गलत मानते हुए उसे डिलीट करने का निर्देश दिया है। इसके अंक सभी अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे। इसके साथ ही, "कबड्डी संघ का मुख्यालय" के उत्तर को दिल्ली से बदलकर जयपुर माना गया है। जिन अभ्यर्थियों ने इस प्रश्न का उत्तर जयपुर दिया था, उन्हें इसके अंक मिलेंगे।

याचिकाकर्ताओं की आपत्तियाँ और कोर्ट का फैसला

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने बताया कि पीएससी प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज की गई थी। विभिन्न स्थानों से 19 याचिकाएं मुख्यपीठ में दायर की गई थीं। भोपाल के अभ्यर्थी आनंद यादव ने राज्य सेवा परीक्षा 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए तीन विवादित प्रश्नों को चुनौती दी थी, जिनमें प्रेस की स्वतंत्रता, ग्रीन मफलर किस प्रदूषण से संबंधित है, और एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन का हेडक्वार्टर शामिल थे।

नई मेरिट लिस्ट और मुख्य परीक्षा

कोर्ट ने पीएससी को निर्देश दिया है कि डिलीट किए गए प्रश्न के अंक सभी अभ्यर्थियों को प्रदान किए जाएं और सही उत्तर (जयपुर) देने वाले अभ्यर्थियों को उनके अंक मिलें। इसके साथ ही, कोर्ट ने राज्य वन सेवा की मुख्य परीक्षा के लिए नई मेरिट लिस्ट जारी करने के निर्देश भी दिए हैं, जो 30 जून से आयोजित होगी। हाईकोर्ट के इस फैसले से सभी अभ्यर्थियों को लाभ होगा और पीएससी की परीक्षा प्रणाली में सुधार आएगा। इस निर्णय से उन अभ्यर्थियों को न्याय मिला है जिन्होंने आपत्ति दर्ज की थी और इससे भविष्य में परीक्षा की पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

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