Election 2024: बूथ वाइज वोटिंग डेटा, सुप्रीम कोर्ट ने ADR को लगाई फटकार

दैनिक सांध्य बन्धु। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में लोकसभा चुनावों के बूथ वाइज वोटिंग डेटा को जारी न करने का निर्णय सुनाया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा की गई याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को किसी भी तरह का निर्देश न देने का फैसला किया। यह फैसला विवादों की तीव्रता बढ़ाने के बाद आया है, जब NGO ADR ने चुनाव आयोग से वोटिंग डेटा की जानकारी को जनता के सामने रखने की मांग की थी।

ADR ने दावा किया था कि वोटिंग के आंकड़ों में गड़बड़ी हो रही है और मतदान के कई दिनों बाद आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। इसके बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने ADR की याचिका को खारिज कर दिया और चुनाव आयोग के विरोध में फैसला दिया। चुनाव आयोग ने बूथ वाइज वोटिंग डेटा को जारी न करने का मुख्य कारण बताया कि फॉर्म 17 सी की कॉपी को वेबसाइट पर अपलोड करने से जनता के बीच भ्रम पैदा हो सकता है।

 
इसमें यह भी कहा गया कि अगर यह कॉपी वेबसाइट पर अपलोड होती, तो उसकी तस्वीरें लेने और उन्हें छेड़छाड़ के खतरे हो सकते हैं। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सुनाने के बाद और भी रोचक हो गया है। चुनाव आयोग के संदर्भ में अधिक अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

बूथ वाइज वोटिंग डेटा: सुप्रीम कोर्ट ने ADR को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में लोकसभा चुनावों के बूथ वाइज वोटिंग डेटा को जारी न करने का निर्णय सुनाया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा की गई याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को किसी भी तरह का निर्देश न देने का फैसला किया। यह फैसला विवादों की तीव्रता बढ़ाने के बाद आया है, जब NGO ADR ने चुनाव आयोग से वोटिंग डेटा की जानकारी को जनता के सामने रखने की मांग की थी। 

ADR ने दावा किया था कि वोटिंग के आंकड़ों में गड़बड़ी हो रही है और मतदान के कई दिनों बाद आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। इसके बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने ADR की याचिका को खारिज कर दिया और चुनाव आयोग के विरोध में फैसला दिया। चुनाव आयोग ने बूथ वाइज वोटिंग डेटा को जारी न करने का मुख्य कारण बताया कि फॉर्म 17 सी की कॉपी को वेबसाइट पर अपलोड करने से जनता के बीच भ्रम पैदा हो सकता है।

इसमें यह भी कहा गया कि अगर यह कॉपी वेबसाइट पर अपलोड होती, तो उसकी तस्वीरें लेने और उन्हें छेड़छाड़ के खतरे हो सकते हैं। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सुनाने के बाद और भी रोचक हो गया है। चुनाव आयोग के संदर्भ में अधिक अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

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