Jabalpur News: कलेक्टर ने छात्रों एवं अभिभावकों से की अपील: स्कूल और किताब माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाएं

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी छात्रों और अभिभावकों से स्कूल और किताब माफियाओं के खिलाफ जागरूक होने और अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की है। कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी का अधिकार है कि स्कूल मैनेजमेंट द्वारा निर्धारित फीस न्यायोचित और पारदर्शी हो।

कलेक्टर ने अभिभावकों और छात्रों से निम्नलिखित सवाल स्कूल मैनेजमेंट से पूछने को कहा है:

1. क्या आपने आडिट रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की है? 

    - यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्कूल की वित्तीय स्थिति पारदर्शी है और कोई भी अनियमितता नहीं हो रही है, आडिट रिपोर्ट का पोर्टल पर अपलोड होना आवश्यक है।

2. क्या आपकी वार्षिक प्राप्तियों का आधिक्य कुल प्राप्तियों के 15% से कम है?

   - स्कूल की वार्षिक आय का 15% से अधिक प्राप्तियां होने पर उसकी जांच आवश्यक है ताकि यह पता चल सके कि कहीं अवैध तरीके से धन अर्जित तो नहीं किया जा रहा।

3. क्या आपने औचित्य सहित फ़ीस वृद्धि की सूचना सत्र प्रारंभ होने के 90 दिवस की अवधि में दे दी है?

   - फीस वृद्धि का औचित्य बताते हुए कम से कम 90 दिन पहले सूचना देना आवश्यक है ताकि अभिभावक और छात्र योजना बना सकें।

4.क्या आपने 10% से अधिक फ़ीस वृद्धि के लिये सक्षम स्वीकृति ज़िला कलेक्टर या राज्य शासन से प्राप्त कर ली है?

  यदि नहीं…..तो किस हक़ से हमारी जेब हल्की कर रहे हो?

- 10% से अधिक फीस वृद्धि के लिए जिला कलेक्टर या राज्य शासन से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है ताकि फीस वृद्धि का कारण और औचित्य सही हो।

कलेक्टर ने जोर देकर कहा, "यदि ये सभी सवालों के जवाब स्कूल मैनेजमेंट नहीं दे पाता, तो किस हक़ से हमारी जेब हल्की कर रहे हो?"

गौरतलब है कि 25 जनवरी 2018 से राज्य शासन ने फीस वृद्धि के पैमाने तय कर दिए हैं, जिनका पालन करना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। 

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अंत में कहा, "अपने हक के लिये सवाल करें और किसी को भी अपनी गाड़ी कमाई पर डाका डालने का मौका न दें।"

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