दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। निजी विद्यालयों पर की गई कार्रवाई की तरह ही जबलपुर के निजी महाविद्यालयों की अनियंत्रित फीस और अयोग्य अध्यापकों से अध्यापन करवाए जाने की शिकायत NSUI ने जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना से की है।
NSUI के एजाज़ अंसारी ने कहा निजी विद्यालयों की अनियंत्रित फीस पर लगाम लगाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई काबिले तारीफ है। छात्र कांग्रेस एनएसयूआई इसका पुरजोर समर्थन करती है और प्रशासन से विनम्र आग्रह करती है कि जैसे निजी विद्यालयों पर नियंत्रण किया गया है, वैसे ही जबलपुर के निजी महाविद्यालयों की भी अनियंत्रित फीस पर रोक लगाई जाए। वर्तमान में महाविद्यालय मनमर्जी से फीस बढ़ा देते हैं, जिस पर विश्वविद्यालय अथवा उच्च शिक्षा विभाग का कोई भी दखल नहीं है। इसका खामियाजा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों एवं उनके अभिभावकों को उठाना पड़ता है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य करने वाले अध्यापकों की शैक्षणिक योग्यता तय की गई है, जिसे कोड 27 एवं 28 के अनुसार पूरा किया जाना आवश्यक है। लेकिन अधिकांश महाविद्यालय इस आवश्यक अहर्ता को पूरा नहीं करते। हर साल महाविद्यालय में होने वाले निरीक्षण के समय निरीक्षण समिति द्वारा यदि कोड 27 एवं कोड 28 की कमी पर आपत्ति ली जाती है, तो उक्त महाविद्यालय द्वारा केवल एक शपथ पत्र प्रस्तुत कर कुछ समय बाद पदों को योग्यता अनुसार भरने का वादा किया जाता है। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी महाविद्यालय योग्यताधारी शिक्षकों की भर्ती नहीं करते।जिस तरह से प्रशासन ने निजी विद्यालयों की अनियंत्रित फीस पर रोक लगाने का कार्य किया है, उसी तरह निजी महाविद्यालयों पर भी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान एनएसयूआई के शादाब अली, प्रतीक गौतम, सैफ अली, सक्षम यादव, सैफ मंसूरी, नीलेश माहर आदि उपस्थित थे।