दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नगर निगम ने 'कबाड़ से कमाल' का नवाचार किया था, जिसे लेकर वहाँ से सात पुरानी मेट्रो बसों को जनउपयोगी बनाया गया था। लेकिन अब इन बसों की खासियत 'शराबखोरी' तक पहुंच गई है। नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते, ये बसें अब कबाड़ में बदल रही हैं।
नगर निगम ने पुरानी मेट्रो बसों को मॉडिफाई कर उन्हें सर्वसुविधा युक्त जनउपयोगी बनाया था। इनमें से कुछ बसें बाहरी आरामदायक व्यावसायिक उपयोग के लिए बदल दी गई थीं, जैसे कि पुस्तकालय, बर्तन बैंक, महिलाओं के चेजिंग रूम, आश्रय स्थल, और फन बस।
लेकिन इन बसों का संरक्षण और सुरक्षा की कमी के कारण, इनकी सुविधाओं का दुरुपयोग हो रहा है। वर्तमान में, कई बसें अब नगर के अंतरराज्यीय बस टर्मिनस में खड़ी हैं और कबाड़ में बदल रही हैं। इन बसों की कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है और इससे चोरी का खतरा भी बढ़ रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों के लापरवाही के चलते, ये बसें अपनी असली सुविधाओं से दूर हो गई हैं। कोई भी निविदा बसों की नीलामी के लिए नहीं आया है, और नगर निगम इन बसों के भविष्य के बारे में कोई निर्णय नहीं ले रहा है।