दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रद्दी चौकी में रहने वाले एक डेढ़ साल के मासूम के गले में प्लास्टिक का ढक्कन फंस गया, जिससे उसे असहनीय दर्द का सामना करना पड़ा। बच्चे के माता-पिता को पहले तो यह समझ नहीं आया कि बच्चा लगातार क्यों रो रहा है। जब आसपास के डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली, तो परिवार ने उसे जिला अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया।
अस्पताल में बच्चे की स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में जांच के दौरान पता चला कि बच्चे की आहार नली के पास एक प्लास्टिक का ढक्कन फंसा हुआ है, जिससे उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। विभाग की प्रमुख डॉ. कविता सचदेवा और उनकी टीम ने तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
रात को ही सफलतापूर्वक सर्जरी कर बच्चे के गले से प्लास्टिक का ढक्कन निकाल दिया गया, जिसके बाद बच्चा सामान्य रूप से सांस लेने लगा। सर्जरी के पश्चात, बच्चे की हालत स्थिर हो गई और उसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. कविता सचदेवा ने बताया कि बच्चे ने खेल-खेल में प्लास्टिक का ढक्कन मुंह में डाल लिया था, जो उसकी आहार नली में फंस गया था। इस ऑपरेशन ने बच्चे की जान बचाई और माता-पिता को राहत की सांस लेने का मौका दिया। डॉक्टरों ने इस घटना के माध्यम से अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।