दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के भाजपा में शामिल होने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कराने की तैयारी कर ली है और अगले 4-5 दिनों में हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी।
सागर जिले की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने 5 मई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली थी। हालांकि, उन्होंने अभी तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि यह सीधे तौर पर दल-बदल कानून का उल्लंघन है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि सप्रे ने विधानसभा को लिखित में जवाब दिया है कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है और वह जनता की सेवा के लिए विधायक बनी हैं। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल उठाते हुए कहा, "अगर बीजेपी इतनी बहादुर है तो निर्मला सप्रे से इस्तीफा दिलवाकर उपचुनाव लड़वाए।"
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत के बावजूद कोई निर्णय न होने पर कांग्रेस अब हाईकोर्ट का रुख करेगी। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सप्रे को अदालत में चुनौती देने की रणनीति बनाई है।
कांग्रेस हाल ही में विजयपुर उपचुनाव जीतकर उत्साहित है। पार्टी ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया और अब निर्मला सप्रे को चुनौती दी है कि वे इस्तीफा देकर जनता के बीच जाएं।
निर्मला सप्रे ने भाजपा में शामिल होते वक्त दावा किया था कि वह बीना को जिला बनाने के उद्देश्य से पार्टी में गई हैं। हालांकि, तीन महीने बाद भी इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है, जिससे उनकी स्थिति असमंजस में है।