दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। छावनी (कैंटोनमेंट) क्षेत्र को नगर निगम में विलय की प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है। जिसमें प्रदेश सरकार की तरफ से हो रही देरी को लेकर अब रक्षा मंत्रालय के द्वारा एक पत्र राज्य सरकार के सचिव को भेजकर एक बैठक जल्द आयोजित करने को कहा है। जिसमें यह कहा जा रहा है की संभवतः यह बैठक 29 नवम्बर को विडियो कान्फ्रेंसिंग से आयोजित हो सकती है।
प्रदेश सरकार द्वारा छावनी क्षेत्र को अधीन करने की प्रक्रिया पिछले 3 साल से चल रही है हालांकि, अब तक यह मामला केवल प्रस्ताव तक सीमित रहा है। जिस पर रक्षा मंत्रालय अब प्रदेश सरकार की तरफ से हो रही देरीके कारणों का भी पता करना चाहता है ,जबकि रक्षा मंत्रालय ने पहले ही घोषणा की है कि वह छावनी क्षेत्र से लगे कुछ क्षेत्रों को नगर पालिक या नगर निगम को सौंपना पना चाहता है। जिससे प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित किया जा सके।
चुनाव रोकने का निर्णय और सर्वे रिपोर्ट
इसी योजना के चलते कैंटोनमेंट बोर्ड सदस्यों के चुनाव भी मंत्रालय द्वारा बंद करवा दिए गए थे। मंत्रालय द्वारा पत्र भेजने का नतीजा यह हुआ कि सागर और मुरार में प्रदेश सरकार के सचिव के साथ एक ऑनलाइन बैठक हो भी चुकी है। इसी को देखते हुए कहा जा रहा है कि जबलपुर के लिए भी की बैठक आयोजित की जाएगी इसके लिए समिति गठित करने की संभावना भी प्रबल है। जिसको छावनी ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर सर्वे रिपोर्ट भी प्रदेश सरकार को सौंप दी है।
सुरक्षा कारणों से बगीचों और बंगलों पर समझौता नहीं
इस पूरे मामले में रक्षा मंत्रालय द्वारा अपने पत्र में कहा गया है कि वह छावनी के बगीचे और बंगले पर किसी प्रकार का कोई समझौता करने को तैयार नहीं है। इन क्षेत्रों को सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील बताया गया है। इसी कारण जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हो रही है।
संसद सत्र में चर्चा की संभावना
इस बीच, संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है। रक्षा मंत्रालय का उद्देश्य है कि यह योजना जल्द से जल्द पूरी हो, जिससे सिविल और सैन्य प्रशासन के बीच समन्वय बेहतर हो सके।