दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पिछले कुछ सालों में जबलपुर लोकायुक्त द्वारा कई अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, जिसमें राजस्व विभाग के पटवारी और राजस्व निरीक्षक (आरआई) भी शामिल थे। हालांकि, ताज्जुब की बात यह है कि भू अभिलेख विभाग के पास निलंबित पटवारियों का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। इस कारण जिला प्रशासन को निलंबित पटवारियों की स्थिति और पदस्थापना की जानकारी नहीं मिल पाती है।
भू अभिलेख अधीक्षक राजा राम कोल ने बताया कि निलंबित पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के बारे में जानकारी कभी-कभी उन्हें खबरों या अन्य अनौपचारिक तरीकों से मिलती है, लेकिन लिखित रिकॉर्ड हमेशा उपलब्ध नहीं होता। उन्होंने कहा कि नियोक्ता अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व होते हैं, और उनके द्वारा ही निलंबन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। कभी-कभी तो यह जानकारी भू अभिलेख शाखा को भेजी ही नहीं जाती है।
हाल ही में कुंडम तहसील में पदस्थ एक पटवारी को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इनका कोई लिखित रिकॉर्ड भू अभिलेख शाखा में उपलब्ध नहीं है।
जबलपुर जिले में पटवारी के कुल 568 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 520 पद भरे हुए हैं, जबकि 48 पद रिक्त पड़े हैं। इसी तरह, जिले में राजस्व निरीक्षकों के 51 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 31 पद ही भरे हुए हैं, और 20 पद अभी भी रिक्त हैं।