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हाथ पर बेटे का टैग, लेकिन बेटी सौंपी
पीड़ित महिला का दावा है कि उसकी सामान्य डिलीवरी के दौरान नवजात के हाथ पर बेटे का टैग लगाया गया था। हालांकि, जब बच्चा महिला के परिजनों को दिया गया, तो वह बेटी निकली। परिजनों ने वार्ड स्टाफ और डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने बेटी होने का हवाला देकर मामले को दबाने की कोशिश की।
दो दिन से मामले को दबाने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार, घटना 18 जनवरी की है और दो दिन तक इसे दबाने का प्रयास किया गया। जब मौखिक शिकायत का समाधान नहीं हुआ, तो महिला के परिजनों ने गढ़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक नर्स और एक वार्ड बॉय को संलिप्त पाए जाने पर निलंबित कर दिया है और आगे की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है और आगे की जांच जारी है।
परिजनों की मांग
पीड़ित महिला और उसके परिजन नवजात बेटे को वापस दिलाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस और अस्पताल प्रशासन इस मामले की जांच में जुटे हैं।