दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर और मंडला जिलों में सड़क निर्माण के लिए डामर (बिटुमिन) की खरीदारी में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। ठेकेदारों ने फर्जी बिल बनाकर 37 करोड़ रुपए की हेराफेरी की। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की जांच में पाया गया कि ठेकेदारों ने इंडियन ऑयल, एचपीसीएल, बीपीसीएल, एस्सार और नायरा जैसी कंपनियों के नाम से नकली इनवॉइस बनाकर मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण से अवैध भुगतान लिया।
जांच में ठेकेदारों द्वारा 100 से अधिक फर्जी बिलों का उपयोग करने का खुलासा हुआ। इनमें 36.31 लाख से लेकर 23.57 करोड़ रुपए तक के बिल शामिल हैं। मेसर्स ए.डी. कंस्ट्रक्शन, विश्वकुसुम इन्फ्राटेक, वैष्णव एसोसियेट, लाल बहादुर यादव और अब्दुल अजीज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
ईओडब्ल्यू ने इन ठेकेदारों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेजों के उपयोग के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। शासन ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, और मामले में अन्य जिलों में भी जांच जारी है।
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