दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा फरवरी के पहले सप्ताह में हो सकती है। पार्टी ने प्रदेश परिषद के सदस्यों की सूची तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है, जिसमें सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष और विधानसभा प्रतिनिधि शामिल हैं।
प्रदेश अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया
भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए विस्तृत प्रक्रिया अपनाई है। इस सूची में कुल सांसदों का 10 प्रतिशत यानी 4 सांसद, कुल विधायकों का 10 प्रतिशत यानी 16 विधायक, और हर विधानसभा क्षेत्र से एक प्रतिनिधि शामिल हैं। दो विधानसभाओं के क्लस्टर बनाकर परिषद सदस्य भी चुने गए हैं। इसके अलावा, सभी जिलाध्यक्षों को भी इस सूची में जगह दी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष के चयन में हो रही देरी के दो मुख्य कारण हैं:
1. दिल्ली विधानसभा चुनाव: भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस समय दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त है, जिसके परिणाम 5 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
2. मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 27 जनवरी से 2 फरवरी तक विदेश यात्रा पर हैं, जिससे प्रक्रिया में विलंब हो रहा है।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पूरी होने की ओर
भाजपा ने मध्यप्रदेश के 62 संगठनात्मक जिलों में से 60 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। हाल ही में निवाड़ी जिले में राजेश पटेरिया को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पटेरिया ब्राह्मण वर्ग से आते हैं और सांसद वीरेंद्र सिंह खटीक के करीबी माने जाते हैं। अब केवल इंदौर शहर और इंदौर ग्रामीण जिलों के अध्यक्षों की घोषणा शेष है।
भाजपा का संगठनात्मक बदलाव
नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन पार्टी के रणनीतिक दृष्टिकोण को मजबूत करेगा। इससे आगामी चुनावों की रणनीति तैयार करने और पार्टी का जनाधार बढ़ाने में मदद मिलेगी। नए जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के चयन से भाजपा संगठनात्मक तौर पर और सशक्त होने की कोशिश कर रही है।