दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। प्रदेश के सबसे बड़े और महंगे फ्लाईओवर का निर्माण भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों के चलते विवादों में आ गया है। जबलपुर में 800 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे फ्लाईओवर में उद्घाटन से पहले ही दरारें आ गईं, जिससे विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले को तूल पकड़ता देख प्रदेश सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच कमेटी का गठन किया और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की है।
फ्लाईओवर में दरारें, मुख्य सचिव ने दी सफाई
दरारों की खबरों के बीच लोक निर्माण विभाग के मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। उनके साथ इंजीनियरों और लोक निर्माण विभाग की टीम ने मदन महल चौराहे पर फ्लाईओवर के प्रभावित हिस्से का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद मंडलोई ने कहा कि यह दरारें सामान्य हैं और मौसम के प्रभाव से ब्रिज के जोड़ों में इस तरह की दरारें आना आम है। उन्होंने कहा कि यह दरारें फ्लाईओवर की मजबूती पर सवाल नहीं खड़ा करतीं और इन्हें भरने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फ्लाईओवर की सतह पर गिट्टी का उपयोग जानबूझकर किया गया है ताकि सड़क चिकनी न हो और वाहनों के फिसलने का खतरा कम किया जा सके।
फरवरी तक होगा आंशिक उद्घाटन
मंडलोई ने जानकारी दी कि फ्लाईओवर का रानीताल से जुड़े हिस्से को फरवरी तक चालू कर दिया जाएगा। वहीं, दमोह नाका तक का विस्तार कार्य अप्रैल तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने इस फ्लाईओवर को प्रदेश का सबसे आकर्षक और मजबूत प्रोजेक्ट बताया।
विपक्ष का हमलाः भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप
फ्लाईओवर में दरारों की खबरें सामने आते ही कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह घटना सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने सवाल उठाया कि 800 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर में उद्घाटन से पहले ही दरारें कैसे आ गईं। सिंघार ने कहा, मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की नई-नई इबारतें लिखी जा रही हैं। यह मंत्री और मुख्यमंत्री की नाक के नीचे हो रहा है। क्या यह भ्रष्टाचार है या पूरा गोलमाल ?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, जबलपुर से होने के बावजूद मंत्री इस मामले में कार्रवाई करने में देरी क्यों कर रहे हैं? क्या यह 50 प्रतिशत कमीशन के आरोपों का नतीजा है? पटवारी ने फ्लाईओवर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और लापरवाही की जांच होनी चाहिए।
कमेटी का गठन
विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने तक कोई भी निर्णय नहीं लिया जाएगा। वहीं, चीफ इंजीनियर एससी वर्मा को जबलपुर से हटाकर टीवा अटैच कर दिया गया है।