दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने वक्फ बोर्ड को यथास्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश जारी करते हुए मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह मामला निजी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किए जाने के रवैये को चुनौती से संबंधित है।
याचिकाकर्ता रीवा निवासी हाजी मोहम्मद अली ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अनुसार, लगभग 100 साल पहले उनके पूर्वजों ने अपनी 400 वर्गफुट निजी भूमि पर दरगाह बनाई थी और 800 वर्गफुट भूमि खाली रखी थी। इस संपत्ति को उन्होंने कभी वक्फ बोर्ड को दान या समर्पित नहीं किया।
याचिकाकर्ता के वकीलों शीतला प्रसाद त्रिपाठी और सुशील त्रिपाठी ने कोर्ट में दलील दी कि वक्फ बोर्ड ने याचिकाकर्ता और उनके पूर्वजों को बिना सूचना और सुनवाई का अवसर दिए संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया और इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया।
याचिकाकर्ता का दावा है कि उनके बाबा अब्दुल मन्नान ने 1924-25 में इस भूमि पर दरगाह बनाई थी और उनकी मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता के पिता ने इसकी देखभाल की। 2016 में पंजीकृत वसीयतनामा के तहत याचिकाकर्ता को मुतवल्ली बनाया गया। 2020 में पिता की मृत्यु के बाद से याचिकाकर्ता संपत्ति की देखभाल कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि वक्फ बोर्ड ने संपत्ति को वक्फ घोषित करते हुए यह प्रक्रिया पूरी तरह से एकतरफा की और उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए वक्फ बोर्ड को फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है और संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है।