Jabalpur News: हाईकोर्ट ने बुरहानपुर कलेक्टर पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, राजनीतिक दबाव में की गई कार्रवाई को बताया गलत

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। बुरहानपुर के जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता अंतराम अवासे के खिलाफ राजनीतिक दबाव में जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई करते हुए बुरहानपुर कलेक्टर पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने राज्य शासन को यह अनुमति दी है कि यदि वह चाहे तो यह राशि कलेक्टर से व्यक्तिगत रूप से वसूल सकता है।

अंतराम अवासे ने 2023 में बुरहानपुर के जंगलों में चल रही अवैध कटाई को लेकर जिला प्रशासन और वन विभाग से लगातार शिकायत की थी। जब प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने धरना दिया। इसके बावजूद उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया और उल्टा उनके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज कर दिए गए। दो मामलों को आधार बनाकर कलेक्टर ने अंतराम के खिलाफ जिला बदर का आदेश जारी कर दिया।

अंतराम ने कलेक्टर के आदेश को इंदौर कमिश्नर के समक्ष चुनौती दी, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राजनीतिक दबाव में आकर ऐसी कार्रवाई करना न्यायोचित नहीं है।

याचिकाकर्ता के वकील काजी फखरुद्दीन ने अदालत को बताया कि अंतराम अवासे ने केवल अवैध कटाई के खिलाफ आवाज उठाई थी और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है कि वह लोक शांति या सुरक्षा के लिए खतरा हैं। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर ने विवेकहीन तरीके से आदेश पारित किया, जो गलत था।

हाईकोर्ट ने कहा कि अंतराम अवासे के खिलाफ जिला बदर का आदेश अन्यायपूर्ण है। इस मामले में राजनीतिक दबाव में कार्रवाई की गई, जो स्वीकार्य नहीं है। 

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