दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में आयोजित घाट फेस्टिवल सीजन 1 के दौरान करोड़ों रुपए की कथित धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कांग्रेस ने इस घोटाले के खिलाफ पुलिस अधीक्षक जबलपुर और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज कराई है। यह मामला मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग (एम.पी.टी.) और सिनेक्राफ्ट इंटरटेनमेंट कंपनी के बीच मिलीभगत का आरोप लगाकर दर्ज कराया गया है।
फेस्टिवल का आयोजन और प्रचार-प्रसार
कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा के अनुसार घाट फेस्टिवल का आयोजन 22 जनवरी से 26 जनवरी 2025 तक जबलपुर के ऐम्बियन्स लॉन में किया जाना था। कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार एम.पी.टी. और सिनेक्राफ्ट इंटरटेनमेंट द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया। राज्य के कई शहरों में होर्डिंग्स लगाए गए और सोशल मीडिया, एफएम और अखबारों के जरिए कार्यक्रम को बढ़ावा दिया गया। फेस्टिवल के लिए स्थानीय विधायक, भाजपा नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री भी प्रचार में शामिल हुए। कार्यक्रम में फिल्मी सितारों और गायकों की प्रस्तुतियों की घोषणा की गई, जिनमें सुनील ग्रोवर, पीयूष मिश्रा, सुखविंदर सिंह, पापोन, आस्था गिल, और अन्य कलाकार शामिल थे।
जनता के साथ धोखाधड़ी
23 जनवरी को कार्यक्रम में जब सुनील ग्रोवर और पीयूष मिश्रा जैसे बड़े कलाकारों की प्रस्तुति होने वाली थी, और कार्यक्रम की शुरुआत का समय शाम 6 निर्धारित था लेकिन रात 9 बजे तक कोई भी कलाकार मंच पर नहीं पहुंचा। इसके बाद पता चला कि कलाकारों को उनकी फीस का भुगतान नहीं किया गया है। कुछ कलाकारों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर स्थिति की जानकारी दी। इस दौरान लगभग 10,000 से 15,000 लोग ऐम्बियन्स लॉन में उपस्थित थे, लेकिन कार्यक्रम के रद्द होने से नाराज भीड़ ने हंगामा किया। भीड़ के गुस्से का खामियाजा लॉन मालिक को भुगतना पड़ा, जिन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ।
धोखाधड़ी का आरोप
कांग्रेस की शिकायत के अनुसार, एम.पी.टी. ने बुक माई शो और अन्य माध्यमों से टिकट बुकिंग के जरिए पांच दिनों में लगभग 10 करोड़ रुपये जुटाए। वीआईपी लाउंज टिकट की कीमत 2,500 रुपये प्रति दिन रखी गई थी, जिससे लगभग 1.25 करोड़ रुपये एकत्र हुए। वीआईपी स्टैंडिंग टिकट की कीमत 1,499 रुपये थी, जिससे लगभग 75 लाख रुपये प्रतिदिन जुटाए गए। जनरल टिकट की कीमत 350 रुपये थी, जिससे लगभग 20- 25 लाख रुपये प्रतिदिन अर्जित हुए। फेस्टिवल के लिए इंदौर की साउंड और लाइट कंपनी को 54 लाख रुपये का अनुबंध दिया गया था, लेकिन केवल 4 लाख रुपये का भुगतान किया गया। बाकी रकम के लिए फर्जी स्क्रीनशॉट भेजे गए। इसी तरह, फूड वेंडर्स से 10 से 20 लाख रुपये लिए गए, लेकिन कार्यक्रम रद्द होने के बाद उनकी रकम नहीं लौटाई गई।
राहुल मिश्रा और पर्यटन विभाग पर गंभीर आरोप
घोटाले के मुख्य आरोपी, सिनेक्राफ्ट इंटरटेनमेंट के प्रोप्राइटर राहुल मिश्रा पर पूर्व में भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। उनके खिलाफ सलमान खान और मिका सिंह के कार्यक्रमों के नाम पर जनता को ठगने के मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राहुल मिश्रा ने मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जनता और सरकार के पैसे का गबन किया।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
कांग्रेस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह घोटाला न केवल जनता के भरोसे को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि शासकीय धन का दुरुपयोग भी है। शिकायत की प्रति के साथ फेस्टिवल से जुड़े दस्तावेज और अन्य साक्ष्य भी संलग्न किए गए हैं। दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करना आवश्यक है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस अवसर पर अतुल नरेश बाजपेयी, नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा, पार्षद सत्येंद्र चौबे (गुड्डा), गुड्डू नबी, इमरान हुसैन, चमन पासी आदि उपस्थित रहे।