दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। हरदा से कांग्रेस विधायक आर.के. दोगने के आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने से मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। 15 जनवरी को आर.के. दोगने ने आरएसएस द्वारा आयोजित स्वदेशी मेले में भाग लिया। इसी कार्यक्रम में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री कमल पटेल भी मौजूद थे। इस घटना के बाद से कांग्रेस नेताओं ने आर.के. दोगने पर सवाल उठाए हैं और प्रदेश संगठन व केंद्रीय नेतृत्व से उनकी शिकायत की है।
आर.के. दोगने के इस कदम को लेकर पार्टी के कई नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। हरदा कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले में प्रदेश संगठन से शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी के विधायक का इस कार्यक्रम में शामिल होना अनुचित है और पार्टी की छवि पर सवाल खड़ा करता है। दोगने ने न केवल आरएसएस के मेले में भाग लिया, बल्कि लाड़ली बहना योजना की भी तारीफ की, जो शिवराज सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है।
आर.के. दोगने ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि वे जनहित के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, न कि किसी विशेष राजनीतिक दल के। उन्होंने कहा, "यह मेला जनहित में लगाया गया था और इसमें हमारे क्षेत्र के व्यापारी भी शामिल थे। जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं ऐसे कार्यक्रमों में भाग लूं। जिन लोगों ने मुझ पर आरोप लगाए हैं, उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी। सार्वजनिक रूप से शिकायत करना अनुशासनहीनता है।"
दोगने ने यह भी स्पष्ट किया कि वे एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के प्रतिनिधि हैं और केवल पार्टी मंच पर सवालों का जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी उनसे पूछेगी तो वे उचित उत्तर देंगे।
इस मामले ने कांग्रेस के भीतर की खींचतान और गुटबाजी को उजागर किया है। एक ओर राहुल गांधी आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, तो दूसरी ओर एक विधायक आरएसएस कार्यक्रम में शामिल हो गए।