Jabalpur News: वल्लभ भवन के फर्जी मीडिया अधिकारी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। वल्लभ भवन मंत्रालय के मीडिया अधिकारी होने का दावा कर फर्जी तरीके से सर्किट हाउस में कमरा बुक कराने का मामला सामने आया है। 

शुक्रवार दोपहर जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के मोबाइल पर व्हाट्सएप मैसेज आया। मैसेज में लिखा था: "हैलो, मैं वल्लभ भवन मंत्रालय से मीडिया अधिकारी सुधीर कुमार बोल रहा हूं। दो दिन के लिए विभागीय काम से जबलपुर आ रहा हूं। मेरे लिए सर्किट हाउस में एक कमरा बुक करा दें।"

कलेक्टर ने इस संदिग्ध संदेश को तुरंत प्रोटोकॉल अधिकारी को भेजकर सर्किट हाउस-दो में कमरा बुक करवाने को कहा। इसके बाद कलेक्टर ने मंत्रालय में सुधीर कुमार के बारे में जानकारी ली, जहां पता चला कि वल्लभ भवन में कोई भी अधिकारी इस नाम से पदस्थ नहीं है।

शुक्रवार रात, सिविल लाइन थाना पुलिस को सूचना मिली कि शहर में एक काले रंग की एसयूवी हूटर बजाते हुए घूम रही है। गाड़ी के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगी थी और नंबर प्लेट पर सेक्रेटरी एमपीडीसीए लिखा हुआ था।

सिविल लाइन थाने के एसआई सुमित मिश्रा ने तुरंत अपनी टीम के साथ गाड़ी का पीछा किया। वाहन रोकने पर उसमें वही व्यक्ति मिला जिसने कलेक्टर को फर्जी मैसेज किया था। पूछताछ में उसने खुद को सुधीर कुमार प्रसाद, निवासी भोपाल बताया।

सुधीर कुमार ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से सेवानिवृत्त है। उसने स्वीकार किया कि वह जानता था कि मंत्रालय का नाम लेकर कलेक्टर से कोई भी काम आसानी से कराया जा सकता है। इसी वजह से उसने खुद को मीडिया अधिकारी बताकर कलेक्टर से सर्किट हाउस में कमरा बुक कराने की कोशिश की। वह जबलपुर में अपनी बहन से मिलने आया था और परिवार के साथ रुकने के लिए सर्किट हाउस में कमरा चाहता था।

फर्जी अधिकारी की गाड़ी और पहचान

पुलिस ने जिस गाड़ी (एमपी 04 वाय-एफ 8973) को जब्त किया, उसमें कई फर्जी पहचान की चीजें मिलीं:

गाड़ी पर ब्लैक फिल्म और हूटर लगा हुआ था।

नंबर प्लेट पर सेक्रेटरी एमपीडीसीए लिखा था।

कांच पर प्रेस और पीआरओ लिखा हुआ था।

गाड़ी के ड्राइवर ने भी उसे अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बताया।

कैसे खुली पोल

सुधीर कुमार गाड़ी से रौब झाड़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। अधिकारियों से जानकारी मिलने पर उसकी मीडिया अधिकारी होने की पोल खुल गई। पूछताछ के दौरान उसने झूठी जानकारी देकर सर्किट हाउस में कमरा बुक कराने की बात कबूल कर ली।

पुलिस ने सुधीर कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर उसको हिरासत में लेकर वाहन जब्त कर लिया। लेकिन उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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