Jabalpur News: मौनी अमावस्या और महाकुंभके संयोग पर श्रद्धा के नजारे

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। माघ मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है, जो इस बार महाकुंभ के साथ संयोग में आई है, जिससे इस विशेष दिन का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन विशेष रूप से नर्मदा तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और हजारों भक्तों ने यहां कुंभ स्नान किया। आस्था प्रेमियों ने प्रयागराज के महाकुंभ का आनंद नर्मदा तट पर ही लिया और दिनभर स्त्रान, पूजा-अर्चना, व्रत और अनुष्ठान में व्यस्त रहे। इस विशेष अवसर पर नर्मदा के किनारों पर डुबकी लगाने वालों की संख्या पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक रही। 

पुण्य और स्नान की महत्वता 

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज का दिन विशेष पुण्यदायक है क्योंकि यह महाकुंभ के अवसर पर अमावस्या स्नान का दिन है। इस दिन का महत्व दोगुना हो जाता है। खास तौर पर बुध ग्रह की स्थिति, जो अपनी त्रिकोण राशि कुम्भ में है, इस दिन को विशेष रूप से शुभ बना रही है। इस कारण शनि मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और तेल अभिषेक का आयोजन भी किया गया है। माघ मास में सूर्य मकर राशि में होते हैं और इस समय प्रयागराज में देवताओं, ऋषियों, किन्नरों और अन्य दिव्य शक्तियों की उपस्थिति मानी जाती है। यही कारण है कि इस दिन विशेष रूप से महिलाओं द्वारा पीपल, बरगद और मंदिरों में पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए गए हैं। 

अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति 

पुराणों के अनुसार, इस दिन गंगा सहित सभी पवित्र नदियों का जल अमृत के समान हो जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, पीपल के वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा करना भी विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस दिन मौन व्रत और संयम की साधना से स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। नर्मदा तटों पर आज दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा स्नान और पूजा अर्चना की गई, और इसे एक विशेष धार्मिक अवसर के रूप में देखा गया। श्रद्धालुओं के लिए यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर था।

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