दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली (एजेंसी)। दावोस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2025 के दौरान बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। स्मृति ईरानी ने कहा, महिलाओं और इक्विटी के लिए हमेशा फिलांथ्रॉपिक केस बनाया गया है, लेकिन अब इसे बिजनेस केस बनाना जरूरी है। कंपनियों और संस्थानों को यह समझाना होगा कि महिलाओं में निवेश प्रॉफिटेबल है और ये किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में चार हजार पांच सौ विदेशी प्रतिनिधि भारत आए और यहां महिलाओं से जुड़े बिजनेस मॉडल को देखा। अब इस मॉडल को दुनियाभर में ले जाने की योजना है।
दावोस में बातचीत में स्मृति ईरानी ने अलायंस फॉर ग्लोबल गुड के जरिए महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह से यह गठबंधन दुनिया भर में महिलाओं के लिए बेहतर अवसर और बदलाव ला रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल भारत में 250 जगहों पर 1 लाख वीमेन-ओन्ड बिजनेस को सपोर्ट करने की योजना है। इन महिलाओं को फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स से जोड़कर कैपिटल कैपेसिटी बढ़ाने, नेशनल और ग्लोबल मार्केट्स के स्टैंडर्ड्स को समझने और सर्टिफिकेशन पाने में मदद दी जाएगी। स्मृति ईरानी ने बताया कि अगले साल ये प्रोग्राम अफ्रीका के 21 देशों में ले जाया जाएगा। कॉमनवेल्थ सेक्रेटेरिएट के साथ मिलकर इस योजना पर काम किया जाएगा।
स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि अगर महिलाओं के हेल्थ इश्यूज को नजरअंदाज किया गया तो 2030 तक ग्लोबल इकोनॉमी को 15 ट्रिलियन डॉलर का प्रोडक्टिविटी लॉस होगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका में कंपनियों ने पाया है कि मेनोपॉज के कारण प्रोडक्टिविटी लॉस 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। दावोस में स्मृति ईरानी ने भारतीय इनोवेटर्स की एक लिस्ट बिल गेट्स को दी और भरोसा जताया कि इनमें से कुछ लोगों को ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स पर बड़ा मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, इंडियंस को उन कमरों में जाना चाहिए जहां उनकी आवाज नहीं पहुंचती और उनकी आवाज उन तक पहुंचानी चाहिए जो खुद दावोस तक नहीं आ सकते।
प्रधानमंत्री मोदी भी मानते हैं कि सरकार के साथ-साथ सिविल सोसाइटी और इंडिविजुअल लीडरशिप को भी कम्युनिटीज की ग्रोथ के लिए काम करना चाहिए। स्मृति ईरानी ने कहा, मैं इनोवेटर्स को बिग बिजनेस से जोड़ने का काम करती हूं। ऐसे लोग जो साइंटिफिक कैपेसिटी रखते हैं लेकिन उसे एंटरप्राइज में बदलने का तरीका नहीं जानते। हम फ्रूगल इनोवेशन को ग्लोबल इम्पैक्ट तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि बिल गेट्स के साथ काम करते हुए उन्होंने इंडिया में एक यंगस्टर को पीपीएच ड्रेप (पोस्टपार्टम हेमरेज ड्रेप) बनाने के लिए एंकरेज किया। ये ड्रेप सिर्फ 1 डॉलर में तैयार हुआ और डब्ल्यूएचओ स्टैंडर्ड्स से भी बेहतर था।