Jabalpur news : पांच साल में करीब 38 मजदूरों की दर्दनाक मौत !

 मरते मजदूर , मुनाफा कमाते ठेकेदार, मूक दर्शक प्रशासन..? 

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मजबूरी होती है कि आज रात में घर में क्या खाएंगे. इस मजबूरी का फायदा ठेकेदार उठाते हैं. मजदूरों की आधे अधूरे संसाधन के साथ निर्माण कार्य में खड़ा कर देते हैं. नतीजा मजदूर मरते हैं, मजदूर घायल होते हैं, मजदूर अपाहिज होते हैं. चार दिन हंगामा होता है, जिला प्रशासन जांच बैठाता है. फिर सब पुराने ढर्रे पर लौट जाता है. 

जिले में केमतानी ग्रुप की फाईव स्टार होटल से लेकर वेलकम होटल ब्लास्ट तक, सिहोरा खदान में हुये हादसे से लेकर गत दिवस पापूलर ब्रेड फैक्ट्री तक हादसों की फेहरिस्त लम्बी है. इस लिस्ट में जो एक बात कामन है, वो यह की मजदूरों की दर्दनाक मौत और किसी ठेकेदार या मालिक पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई.  अनुमान के मुताबिक बीते पांच सालों में जबलपुर जिले में निर्माण कार्यों, खदानों, विद्युत लाइन मेंटीनेंस, फैक्ट्रीयों में कार्य आदि के समय करीब 38 मजदूरों की मौत हुई है, वहीं 90 के करीब घायल हुये हैं. खौफनाक आंकड़ों के बाद भी आज तक प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है. नतीजा सामने है मजदूरों की दर्दनाक मौतों का सलिसला जारी है. 

खजरी मामले में अब तक नहीं मिली लाश ...

फैक्ट्री में लापरवाही के मामले में खजरी रजा मेटल्स में हुआ ब्लास्ट अपनी तरह का पहला मामला था. जिसमें दो मजदूरों की मौत हुई थी, एक मजदूर की लाश के चीथड़े मिले लेकिन दूसरे मजदूर का चीथड़ा भी अंतिम संस्कार के लिये घर वालों को नहीं मिला. यहां भी मजदूरों से बिना सुरक्षा घातक बमों के कबाड़ का काम कराया जा रहा था. इस मामले में जांच और कार्यवाही दोनों आज तक अधूरी है.  घटना के बाद कबाड़ खानों की जांच शुरु हुई, लेकिन वो भी खानापूर्ति साबित हुई और एक हफ्ते में ही सब पुराने ढर्रे पर लौट गया. 

पापूलर फैक्ट्री मामले में ठेकेदार पर अरोप...

गत दिवस गोराबाजार थाना क्षेत्र के तिलहरी में एक निर्माण कार्य के दौरान दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक मजदूर की दो टुकड़े में कटकर मौत हो गई थी। वहां भी ठेकेदार की मनमानी सामने आई है. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हादसे के वक्त फैक्ट्री संचालक ऋषभ केशवानी इंदौर में थे, और उन्होंने यह काम ठेकेदार आयूब खान को सौंपा था। गौरतलब है की गुरुवार सुबह पापुलर ब्रेड की फैक्ट्री के पुराने भवन को तोड़ने का काम चल रहा था। इसी दौरान मंडला निवासी मजदूर भूरेलाल विश्वकर्मा लेंटर तोड़ते हुए अचानक नीचे गिर पड़े और किसी बीम या अन्य संरचनात्मक तत्व में फंसकर उनका शरीर दो हिस्सों में बंट गया। हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोप लग रहे हैं कि  ठेकेदार ने काम के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की थी, जिसके कारण यह भयानक हादसा हुआ। घटना के बाद पुलिस ने फैक्ट्री संचालक ऋषभ केशवानी को बयान के लिए तलब किया है और ठेकेदार आयूब खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की योजना बनाई जा रही है. 

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