दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बाद एक और खतरनाक वायरस ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) ने दस्तक दे दी है। चीन में HMPV के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ और सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीरें लोगों को भयभीत कर रही हैं। अब यह वायरस भारत में भी दस्तक दे चुका है। कर्नाटक के बेंगलुरु और गुजरात में नवजात बच्चों में HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई है।
चिंता की बात यह है कि संक्रमित बच्चों का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है। ऐसे में यह संक्रमण भारत के भीतर ही फैलने की आशंका को बढ़ाता है। हालांकि, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, इन मामलों की पुष्टि सरकारी लैब से होना बाकी है। बावजूद इसके, सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
HMPV क्या है?
HMPV एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो पहली बार 2001 में खोजा गया था। यह वायरस रेस्पिरेटरी संकाइटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है। यह मुख्य रूप से खांसने, छींकने, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या वायरस से दूषित सतह को छूने से फैलता है। यह कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों, बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है।
HMPV से खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और कुछ मामलों में ब्रोंकियोलाइटिस व अस्थमा के लक्षण देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस कोरोना जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन सर्दियों में इसकी तीव्रता अधिक हो सकती है।
भारत में मामलों की स्थिति
बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में 8 महीने के एक बच्चे और 3 महीने की बच्ची में HMPV संक्रमण पाया गया। वहीं, गुजरात में भी एक मामला सामने आया है। हालांकि, कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने 4 जनवरी को बयान दिया कि राज्य में HMPV का कोई सक्रिय मामला नहीं है।
कैसे फैलता है HMPV?
HMPV एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क, हाथ मिलाने, या वायरस से दूषित किसी वस्तु को छूने से यह फैलता है। चीनी डॉक्टर ली तोंगजेंग के अनुसार, यह वायरस श्वसन प्रणाली के माध्यम से तेजी से फैलता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने बताया कि यह वायरस क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (COPD) से पीड़ित लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है।
बचाव के उपाय
HMPV के लिए कोई वैक्सीन फिलहाल उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों ने एंटीवायरल दवाओं के अंधाधुंध उपयोग से बचने की सलाह दी है। बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:
मास्क पहनें और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
नियमित रूप से हाथ धोएं।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें।
सरकार और विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
भारत सरकार ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारियों (SARI) की निगरानी के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही, WHO से चीन की स्थिति पर नियमित अपडेट लिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV बच्चों में सामान्य रूप से पाया जाता है। अधिकांश बच्चे 4-5 साल की उम्र तक इससे संक्रमित हो जाते हैं। यह वायरस कोविड-19 जितना जानलेवा नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। भारत सरकार ने 4 जनवरी को फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर एक बैठक की। बैठक के बाद कहा गया कि चीन में HMPV की स्थिति असामान्य नहीं है और भारत में स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
HMPV एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है, लेकिन कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। फिलहाल, इसके गंभीर प्रकोप की संभावना कम है, लेकिन बचाव के उपाय अपनाना आवश्यक है। कोरोना के दर्दनाक अनुभव के बाद इस वायरस को हल्के में लेना सही नहीं होगा। भारत सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हैं और जनता को भी आवश्यक सतर्कता बरतनी चाहिए।