दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कहते हैं कि पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती, यह जुनून और जज्बे का खेल है। जबलपुर के पनागर ब्लॉक के कचनारी ग्राम की 93 वर्षीय शांतिबाई पटेल ने यह साबित कर दिखाया। उन्होंने नवसाक्षर परीक्षा में दूसरी बार उपस्थिति दर्ज कराई और दृढ़ निश्चय के साथ कहा, "पास होकर ही मानूंगी!"
मां-बेटे ने साथ दी परीक्षा
यह संयोग भी दिलचस्प है कि दादी के साथ उनके 76 वर्षीय बेटे भोलाराम पटेल भी इसी परीक्षा केंद्र पर परीक्षा में शामिल हुए। मां-बेटे के इस हौसले को देखकर पूरे गांव में उत्साह का माहौल है। परीक्षा केंद्र प्राथमिक शाला कचनारी में लोग कौतूहल से उन्हें परीक्षा देते देखने पहुंचे।
पौत्रवधू ने बढ़ाया हौसला
दादी शांतिबाई को साक्षर बनाने की प्रेरणा उनकी पौत्रवधू पूजा पटेल (31) से मिली, जो नवभारत साक्षरता उल्लास योजना से जुड़ी हैं। उन्होंने अपने ससुर भोलाराम पटेल को भी इस पहल में शामिल किया और दोनों को परीक्षा दिलाने के लिए परीक्षा केंद्र तक लेकर गईं।
रिजल्ट का इंतजार
साक्षरता संकुल सह समन्वयक ऋचा और प्राचार्य बीआर परस्ते ने बताया कि परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की गई। परीक्षा के दौरान जन शिक्षक मनोज शुक्ला, विभा बाजपेयी, सुनीता कुर्मी और संजय चौबे मौजूद रहे। अब पूरे गांव को दादी और उनके बेटे के परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतजार है।