दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 पर स्थित वाहन पार्किंग में 22 दिनों से खड़ी संदिग्ध बाइक का राज़ आखिरकार शनिवार को खुल गया। यह बाइक बिरसिंहपुर पाली से चोरी की गई थी, जिसे पाली थाना पुलिस ने बरामद कर लिया। अब वाहन चोर पुलिस की गिरफ्त में हैं और अन्य चोरियों के राज़ भी उगल रहे हैं।
बाइक चोरी की थी साजिश
पाली पुलिस के अनुसार, फरियादी राजेन्द्र प्रसाद पटेल, निवासी बाबूलाइन पाली, ने अपनी डिस्कवर बाइक आंगनबाड़ी गैरेज के पास खड़ी की थी और कुछ देर के लिए सामान लेने गए थे। जब वे लौटे तो उनकी बाइक गायब थी। काफी तलाश के बाद भी बाइक नहीं मिली, तो उन्होंने इसकी शिकायत पाली थाना में दर्ज करवाई।
सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। साथ ही, संभावित संदिग्धों से पूछताछ की गई। आखिरकार, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि चोरी के दिन पाली निवासी जितेन्द्र सिंह और राजेन्द्र चौधरी को चोरी की गई डिस्कवर बाइक के साथ देखा गया था।
आरोपियों ने कबूली चोरी
पुलिस ने जब दोनों संदिग्धों से सख्ती से पूछताछ की, तो वे टूट गए और बाइक चोरी की घटना स्वीकार कर ली। उन्होंने बताया कि चोरी के बाद वे बाइक लेकर जबलपुर पहुंचे और इसे बेचने की कोशिश की। लेकिन तीन दिन तक खरीदार न मिलने पर उन्होंने इसे जबलपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड में खड़ा कर दिया और वापस पाली लौट गए।
पार्किंग शुल्क पर हुआ विवाद
पाली पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर जबलपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग से बाइक जब्त कर ली। लेकिन इस दौरान पाली पुलिस और पार्किंग ठेकेदार के बीच विवाद हो गया। ठेकेदार राजेश पाण्डेय ने पुलिस से 22 दिनों का पार्किंग शुल्क ₹2466 मांगा, जबकि पुलिस का कहना था कि यह राशि कोर्ट से मिलेगी। अंततः रेल अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद पाली पुलिस ने शुल्क अदा किया और बाइक को लेकर वापस रवाना हो गई। पाली पुलिस अब आरोपियों से अन्य चोरियों की जानकारी भी जुटा रही है।