दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने बुधवार शाम पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में छापेमारी की, जिससे पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया। सीबीआई को स्टोर और इंजीनियरिंग शाखा में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
3-4 घंटे चली जांच, महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने कार्यालय में करीब 3 से 4 घंटे तक जांच-पड़ताल की। इस दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। सीबीआई की टीम अचानक सिविल गाड़ी से रेलवे मुख्यालय पहुंची और बिना किसी सूचना के कार्रवाई में जुट गई। सुरक्षा गार्ड से बातचीत के बाद टीम सीधे इंजीनियरिंग विभाग के भंडार शाखा में पहुंची, जहां क्रय की गई सामग्रियों और निविदा प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई।
मुख्य सामग्री प्रबंधक और स्टेनो से पूछताछ
सीबीआई अधिकारियों ने भंडार शाखा के मुख्य सामग्री प्रबंधक (सीएमएम) अशोक कुमार और स्टेनो शैलेंद्र कुमार से लंबी पूछताछ की। देर रात तक बंद कमरे में हुई इस पूछताछ के दौरान सीबीआई को कई अहम जानकारियां मिलीं। टीम ने शाखा में अन्य कर्मचारियों से भी अलग-अलग पूछताछ की और कार्यालय परिसर में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी।
अनियमितता और रिश्वत मामले से जुड़ा है छापा
सूत्रों का मानना है कि यह छापा हाल ही में इटारसी में पकड़े गए हेल्थ इंस्पेक्टर हरिमोहन मीणा की गिरफ्तारी से जुड़ा हो सकता है। मीणा को एक पेंट्री कांट्रेक्टर का बिल पास करने के बदले 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। इस मामले के तार भंडार शाखा की क्रय प्रक्रिया में अनियमितताओं से जुड़े हो सकते हैं।
रेलवे अधिकारियों में हड़कंप
सीबीआई की कार्रवाई की जानकारी जबलपुर से लेकर दिल्ली तक फैल गई, जिससे रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। कई अधिकारियों को आशंका थी कि जांच किसी भी समय उनके कार्यालय तक पहुंच सकती है। हालांकि, देर रात तक चली इस कार्रवाई को लेकर न तो सीबीआई और न ही रेलवे के किसी अधिकारी ने आधिकारिक बयान दिया है।
CBI की इस छापेमारी से रेलवे मुख्यालय में हड़कंप मचा हुआ है और आगे भी कई और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।