दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नचिकेता विजयनगर स्कूल में शिक्षा माफियाओं की मनमानी के खिलाफ पेरेंट्स एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया। एसोसिएशन का आरोप है कि स्कूल प्रशासन छात्रों और अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। सबसे गंभीर मामला तब सामने आया जब कक्षा एक के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया। यह सीधा-सीधा आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) और बाल अधिकार कानून का उल्लंघन है।
स्थानीय प्रशासन ने पहले ही शहर के स्कूलों को 268 करोड़ रुपये की फीस लौटाने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद, स्कूल संचालक मनमाने तरीके से अभिभावकों और छात्रों पर दबाव बना रहे हैं। पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षा माफियाओं की इस मनमानी पर रोक लगाने के लिए प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है।
पेरेंट्स एसोसिएशन ने प्रशासन से की सख्त कार्रवाई की मांग
एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना या छात्र-छात्राओं के साथ किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? आखिर शिक्षा माफियाओं पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?" उन्होंने मांग की कि स्कूल प्रशासन के खिलाफ बाल अपराध कानून और आरटीई एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए।
स्कूल प्रशासन ने दिया आश्वासन
प्रदर्शन के बाद स्कूल की प्रिंसिपल कृष्णा नीयोगी ने आश्वासन दिया है कि अगले दिन सभी बच्चों को प्रवेश पत्र दे दिए जाएंगे। प्रदर्शन में मनीष शर्मा, अमित पलिया, विजय सूर्यवंशी, विकास पॉल, अनिल पटेल, धीरेंद्र मालवीय, नरेंद्र बर्मी, अर्चना शर्मा, अमित पटेल सहित कई अभिभावक शामिल रहे।
बोर्ड परीक्षाएं नजदीक, छात्रों का भविष्य दांव पर
शहर में कई स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, जबकि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होंगी। ऐसे में शिक्षा माफियाओं की मनमानी से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। अभिभावकों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।