Jabalpur News: हाईटेक हो रही जबलपुर में खेती, शिक्षित युवाओं ने खेती से बनाई नई पहचान

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में उच्च शिक्षा प्राप्त कर युवा खेत-खलिहान की ओर लौट रहे हैं और उन्नत कृषि तकनीकों से न केवल खुद की आय बढ़ा रहे हैं बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित कर रहे हैं। ये युवा पारंपरिक खेती से अलग सोच अपनाकर फल, सब्जी और अनाज की आधुनिक तकनीकों से खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी सालाना आय किसी बड़ी नौकरी के बराबर हो रही है।

घुंसौर के केपी सिंह गुड्डा ने एग्रीकल्चर से बीएससी करने के बाद खेती को करियर बनाया। उन्होंने ताइवान पिंक और रेड डायमंड किस्म के अमरूद की खेती कर इस सीजन में 50 टन उत्पादन हासिल किया। इसके अलावा, मटर और धान की खेती से भी वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

इसी तरह, शहपुरा के सौरभ पटैल ने एमबीए के बाद खेती को चुना और वैज्ञानिक तकनीकों से मटर और धान की खेती में प्रति एकड़ लाखों की बचत कर रहे हैं। उन्होंने 100 एकड़ में खेती के साथ एफपीओ भी बनाया है, जिससे अन्य किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत मिल रही है।

कृषि विश्वविद्यालय के छात्र उत्कर्ष ठाकुर जैविक खेती कर रहे हैं। 60 एकड़ में प्राकृतिक तरीके से मटर, गेहूं और सब्जियों की खेती कर वे खुद जैविक खाद, कीटनाशक और उर्वरक तैयार कर रहे हैं। उनका मानना है कि रासायनिक खेती से उपज मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है, इसलिए वे जैविक विधियों से उत्पादन कर रहे हैं।

इन सभी किसानों ने खेती में वैज्ञानिक सलाह, आधुनिक उपकरणों, ड्रिप सिंचाई, प्रेसिजन फार्मिंग, वर्टिकल फार्मिंग और फसल चक्र जैसी तकनीकों का उपयोग कर सफलता हासिल की है। कोरोना काल के दौरान जब नौकरियां अस्थिर हो गई थीं, तब इन युवाओं ने खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाया और आज लाखों की कमाई कर रहे हैं। जबलपुर में हाईटेक खेती की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक सोच के साथ खेती भी एक लाभदायक करियर हो सकता है।

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