दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिले के रांझी थाना क्षेत्र में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर शासकीय सेवा में प्रवेश करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रांझी जबलपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किए जाति प्रमाण पत्र
जांच में पाया गया कि मुकेश वर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह नामक तीन व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनवाया और शासकीय सेवा में नियुक्ति प्राप्त की। इस षड्यंत्र में लोक सेवा केंद्र के संचालक अंकित अग्रवाल और ऑपरेटर अर्चना दाहिया की भी संलिप्तता पाई गई।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
अनुसंधान के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि
1. तीनों शासकीय सेवकों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए गलत समग्र आईडी, जाली निवास प्रमाण पत्र और अन्य फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए।
2. लोक सेवा केंद्र संचालक एवं ऑपरेटरों ने बिना जांच-पड़ताल किए प्रमाण पत्र जारी कर दिए।
3. अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय की दायरा पंजी में इनका कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं था, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाए गए।
4. मूल दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं मिले, जिससे यह आशंका जताई गई कि महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों को नष्ट कर दिया गया।
इन धाराओं में हुआ मामला दर्ज
अनावेदकों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (भादंवि) की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज
अनुविभागीय दंडाधिकारी रघुवीर सिंह मरावी की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस ने रांझी थाना में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। संबंधित विभागों को भी इसकी सूचना भेजी गई है।
आरोपियों की सूची:
1. मुकेश वर्मन (म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर)
2. दिलीप कुमार (सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, भोपाल)
3. सूरज सिंह (सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, भोपाल)
4. अंकित अग्रवाल (लोक सेवा केंद्र संचालक, जबलपुर)
5. अर्चना दाहिया (तत्कालीन लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर)
पुलिस कर रही आगे की जांच
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि और कितने जाति प्रमाण पत्र इसी तरह फर्जी तरीके से जारी किए गए। जल्द ही आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।