दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए कड़ी शर्तें लागू की हैं। इनमें सबसे अहम शर्त यह है कि आरोपी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड, मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइस जांच एजेंसी को सौंपने होंगे। जस्टिस देवनारायण मिश्रा की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी को जांच एजेंसी का पूरा सहयोग करना होगा और किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को एजेंसी और पीड़िता को सौंपना होगा।
मामला जबलपुर का है, जहां पीड़िता ने 2024 में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी ने 8 से 10 सालों तक पीड़िता को शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और उसकी निजता का हनन किया। वकील ने यह भी दावा किया कि आरोपी ने पीड़िता की अंतरंग तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं और उसे ब्लैकमेल किया।
जांच में यह पाया गया कि दोनों 2010 से 2018 तक रिश्ते में थे और दोनों बालिग थे। हालांकि, अदालत ने मामले की योग्यता पर टिप्पणी किए बिना आरोपी को अग्रिम जमानत देने का फैसला किया, लेकिन जांच में सहयोग करने की सख्त शर्तें लगा दीं।
यह मामला डिजिटल साक्ष्यों के महत्व को दर्शाता है। इस फैसले के बाद कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक अधिकार संगठनों के बीच चर्चा तेज हो गई है। डिजिटल युग में सोशल मीडिया पासवर्ड की सुरक्षा को लेकर यह मामला मिसाल है। वहीं, जांच एजेंसी को मिले इन अधिकारों का दुरुपयोग न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी होगा।