दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। झाबुआ से कांग्रेस विधायक और मप्र युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया को अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे एडवोकेट शिवाजीराव मोघे की जगह लेंगे। विक्रांत भूरिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं और कांग्रेस संगठन में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में थे शामिल
डॉ. विक्रांत भूरिया ने अप्रैल 2023 में मप्र युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में थे, लेकिन सितंबर में जम्मू-कश्मीर के उदय भानु चिब को यह जिम्मेदारी दी गई।
आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति
मध्य प्रदेश में करीब 22% आदिवासी आबादी है और 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में इनमें से 24 सीटों पर बीजेपी और 22 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि 1 सीट भारत आदिवासी पार्टी के पास है। आदिवासी समुदाय को कांग्रेस का पारंपरिक वोटबैंक माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें सेंध लगने के कारण पार्टी अब युवा आदिवासी नेताओं को आगे बढ़ा रही है।
कांग्रेस में आदिवासी नेताओं का बढ़ता प्रभाव
मध्य प्रदेश में कांग्रेस लगातार आदिवासी नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दे रही है।
ओमकार सिंह मरकाम को कांग्रेस की सेंट्रल वर्किंग कमेटी (CEC) में जगह मिली।
उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
अब विक्रांत भूरिया को अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।
आदिवासी नेतृत्व को सशक्त करने की दिशा में कांग्रेस का बड़ा कदम
डॉ. विक्रांत भूरिया की इस नियुक्ति को आदिवासी समाज में कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। उनके नेतृत्व में पार्टी को उम्मीद है कि आदिवासी समुदाय के बीच कांग्रेस की पकड़ और मजबूत होगी।