दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने RTO की अवैध वसूली के रैकेट को खुद संभाला था। उन्होंने दावा किया कि विभाग से हर महीने एक केंद्रीय मंत्री को 2 करोड़ रुपए भेजे जाते थे। सिंघार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
40 दिन तक फरार रहा RTO का ‘करोड़पति’ कॉन्स्टेबल
उमंग सिंघार ने आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेजों की जांच की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया कि 40 दिन तक वह कहां छिपा रहा और उसे किसने संरक्षण दिया? सिंघार ने कहा कि सौरभ की कॉल डिटेल्स अब तक सार्वजनिक नहीं की गईं, जबकि इनमें कई अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं।
1250 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति का आरोप
सिंघार का दावा है कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के पास 1250 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 से 2024 के बीच मंत्री राजपूत ने पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी। सिंघार ने यह भी कहा कि मंत्री ने ज्ञान वीर समिति के नाम पर जमीनें दान करवाईं, जिसमें उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं।
‘टीसी’ और ‘टीएम’ के पीछे कौन?
सिंघार ने दावा किया कि सौरभ शर्मा की डायरी में ‘टीसी’ (ट्रांसपोर्ट कमिश्नर) और ‘टीएम’ (ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर) के नाम दर्ज हैं। उन्होंने पूछा कि सरकार इन नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही? उन्होंने कहा कि शिवपुरी के चेक पोस्ट पर अवैध वसूली करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बीजेपी का पलटवार: चरित्र हनन की साजिश
सिंघार के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे चरित्र हनन की साजिश बताया। प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि उमंग सिंघार खुद ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं ने ही सिंघार पर टिकट बेचने के आरोप लगाए थे।