दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नगर निगम द्वारा वित्तीय संकट का हवाला देकर विकास कार्यों को रोकने के फैसले पर कांग्रेस पार्षद दल ने कड़ा विरोध जताया है। नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा, उपनेता प्रतिपक्ष शगुफ्ता उस्मानी गुड्डु नबी और सचेतक अयोध्या तिवारी ने आरोप लगाया कि नगर निगम विकास कार्यों के लिए फंड की कमी का दावा कर रहा है, लेकिन फिजूलखर्ची पर कोई लगाम नहीं है। नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने उदाहरण देते हुए बताया कि नगर निगम ने 16 वाहनों की खरीद के लिए 2.24 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन इन वाहनों को सीएसआई को देने की बजाय अन्य विभागों में आवंटित कर दिया गया। इसके कारण अब भी निगम किराए के वाहनों पर हर महीने 7.2 लाख रुपये और सालाना 86.4 लाख रुपये खर्च कर रहा है, जो निगम की नीति पर सवाल खड़े करता है।
उपनेता प्रतिपक्ष शगुफ्ता उस्मानी गुड्डु नबी ने कहा कि महापौर ने भाजपा में शामिल होने के समय शहर के विकास का वादा किया था, लेकिन ट्रिपल इंजन सरकार (केंद्र, प्रदेश और नगर निगम) होने के बावजूद जबलपुर में विकास कार्य ठप हो गए हैं। कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बाद 2024-25 के बजट में पार्षद मद की 90 लाख रुपये की राशि में से 30 लाख रुपये के कार्यों की ही स्वीकृति दी गई। छह महीने के प्रदर्शन के बाद फरवरी में 30 लाख रुपये और स्वीकृत किए गए, लेकिन अभी भी 30 लाख रुपये की राशि लंबित है, और अब निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
कांग्रेस पार्षद दल के सचेतक अयोध्या तिवारी आरोप लगाया कि नगर निगम में अराजकता, भ्रष्टाचार और झूठी घोषणाओं का बोलबाला है। लाखों की मशीन करोड़ों में खरीदी जा रही है, गुणवत्ता और समय सीमा की अनदेखी की जा रही है, और जनता के विकास कार्यों को रोककर निगम गैरजरूरी खर्चों पर धन बहा रहा है।