दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा के संगठन चुनावों के बाद अब कांग्रेस भी अपनी संगठनात्मक संरचना में बड़े बदलाव करने जा रही है। कांग्रेस अपने तीन साल पुराने जिला अध्यक्षों को बदलने की तैयारी में है। जहां अध्यक्ष नहीं हैं, वहां नए नियुक्त किए जाएंगे। यह बदलाव आगामी 2028 विधानसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट फाइनल, दिल्ली से मंजूरी बाकी
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट फाइनल कर ली है। जीतू पटवारी ने सभी जिला प्रभारियों और प्रदेश के सह-प्रभारियों से चर्चा के बाद सूची तैयार की, जिसे मंजूरी के लिए दिल्ली भेजा गया है। एआईसीसी से हरी झंडी मिलते ही सूची जारी कर दी जाएगी।
जिला अध्यक्षों में होगा बदलाव, कुछ को मिल सकता है दोबारा मौका
कांग्रेस लगभग सभी जिला अध्यक्षों को बदलने जा रही है। हालांकि, किन नेताओं को दोबारा मौका मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। जो नेता तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनकी जगह नए चेहरों को लाया जाएगा। संभावित नामों पर स्थानीय नेताओं, जिला प्रभारियों और सह-प्रभारियों से फीडबैक लेने के बाद पीसीसी चीफ ने सूची तैयार कर ली है।
5 जिलों में लंबे समय से संगठन कमजोर
लोकसभा चुनाव के बाद से रायसेन, कटनी, रतलाम ग्रामीण, खंडवा शहर और खंडवा ग्रामीण में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नहीं हैं। ऐसे में संगठन को मजबूत करने के लिए नई नियुक्तियों की मांग लगातार बढ़ रही है।
कांग्रेस नेताओं के दौरे, कार्यकर्ताओं को दी जाएगी चुनावी रणनीति
आगामी चुनावों की तैयारी के मद्देनजर कांग्रेस के शीर्ष नेता राज्यभर में दौरे करने जा रहे हैं।
जीतू पटवारी 11 फरवरी से विंध्य क्षेत्र के दौरे पर जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बुंदेलखंड में तीन दिनों तक 5 जिलों का दौरा करेंगे।
कार्यकर्ताओं की बैठकें, प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसमस्याओं पर मंथन किया जाएगा।
बुंदेलखंड के 5 जिलों में उमंग सिंघार का दौरा
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपने दौरे में विदिशा, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और दमोह जिलों को कवर करेंगे। दौरे के बाद वे भोपाल लौटकर संगठनात्मक तैयारियों पर रिपोर्ट पेश करेंगे।
2028 की रणनीति का आगाज
कांग्रेस 2028 विधानसभा चुनावों की मजबूत तैयारी में जुट गई है। संगठन में बदलाव और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद से पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में कांग्रेस के ये दौरे चुनावी गणित को कितना बदलेंगे, यह देखने वाली बात होगी।