दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर के नेपियर टाउन स्थित एक निजी अस्पताल पर इलाज करवाने वाले मरीज ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता सुनील कुमार तिवारी का कहना है कि डॉक्टरों ने उनके पैर की सर्जरी के दौरान जो प्लेट लगाई थी, वह टूट गई, जिससे अब वह ठीक से चलने में असमर्थ हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत एएसपी, कलेक्टर, एसपी और सीएमएचओ से की है और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है।
एएसपी के पास टूटी हुई प्लेट लेकर पहुंचा मरीज
मंगलवार को कैंट सदर निवासी सुनील कुमार तिवारी एएसपी के पास पहुंचे और अपने पैर से निकाली गई टूटी हुई प्लेट दिखाई। उन्होंने बताया कि 11 जून 2023 को एक सड़क दुर्घटना में उनका बायां पैर फ्रैक्चर हो गया था, जिसके बाद राइट टाउन स्थित एक निजी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत मुखर्जी, डॉ. विनोद जैन और उनकी टीम ने ऑपरेशन किया था।
सुनील का आरोप है कि ऑपरेशन असफल रहा और करीब 8-10 महीने बाद भी उनके पैर में लगातार दर्द और सूजन बनी रही। जब उन्होंने एक्स-रे कराया तो पता चला कि उनके पैर में लगाई गई टाइटेनियम प्लेट टूट चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह प्लेट इतनी जल्दी क्यों टूटी और इसकी गुणवत्ता कैसी थी।
इलाज में डेढ़ लाख रुपए खर्च, फिर भी नहीं हुआ फायदा
शिकायतकर्ता का कहना है कि इलाज पर करीब 1.5 लाख रुपए खर्च करने के बावजूद न तो उनका पैर ठीक हुआ और न ही दर्द में कोई राहत मिली। अब हालत यह हो गई है कि वे दो कदम भी नहीं चल पा रहे हैं। उन्होंने एएसपी को दी गई शिकायत में डॉक्टरों पर धोखाधड़ी और लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन इस तरह की लापरवाही से लोगों का विश्वास टूट रहा है। पीड़ित ने एएसपी को टूटी हुई प्लेट का एक्स-रे भी दिखाया, जिसके बाद एएसपी ने मामले की जांच के लिए मदनमहल थाना प्रभारी को निर्देशित किया है।
डॉक्टरों ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
इस मामले में जब डॉक्टर अभिजीत मुखर्जी से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताया। डॉक्टर का कहना है कि मरीज को ऑपरेशन के समय ही बताया गया था कि उनकी हड्डी आठ टुकड़ों में टूटी हुई है, इसलिए उन्हें अधिक सावधानी बरतनी होगी और चलते समय हमेशा वॉकर का उपयोग करना होगा।
डॉ. मुखर्जी के अनुसार, मरीज ने डॉक्टर की सलाह नहीं मानी, जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। उनका कहना है कि हड्डी पूरी तरह जुड़ने से पहले यदि प्लेट पर अत्यधिक वजन पड़ता है, तो उसके टूटने की संभावना बनी रहती है।
डॉक्टरों ने यह भी बताया कि मरीज को बोन ग्राफ्टिंग कराने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे करवाने से इनकार कर दिया था।
जांच के आदेश
मरीज द्वारा शिकायत किए जाने के बाद एएसपी ने मदनमहल थाना प्रभारी को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और क्या वाकई डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती है या फिर मरीज की ही गलती इस समस्या की वजह बनी।