दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल की मर्चुरी में स्टाफ की भारी कमी के कारण मृतकों के परिजनों को पोस्टमॉर्टम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। महाकौशल के इस सबसे बड़े अस्पताल में हर दिन औसतन 10 से अधिक शव पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते केवल 6 शवों का ही परीक्षण किया जा सकता है।
सीमित स्टाफ और संसाधनों से जूझ रहा विभाग
फॉरेन्सिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव के अनुसार, मर्चुरी में फिलहाल केवल 6 डॉक्टर और 2 वर्कर कार्यरत हैं, जबकि पोस्टमॉर्टम के लिए महज 4 टेबल उपलब्ध हैं। इस वजह से कई शवों को अगले दिन तक रखने की नौबत आ रही है। विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए प्रबंधन को पत्र लिखकर 8 अतिरिक्त वर्कर और अधिक मर्चुरी टेबल की मांग की है।
परिजनों को करना पड़ रहा घंटों इंतजार
दमोह जिले से आए धन सिंह लोधी ने बताया कि वह दोपहर 12 बजे से अपने परिजन के पोस्टमॉर्टम के इंतजार में बैठे हैं। स्टाफ की कमी और व्यवस्थाओं की सुस्ती के कारण समय पर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही, जिससे अंतिम संस्कार में भी देरी हो रही है।
प्रशासन से जल्द समाधान की उम्मीद
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे लगातार अधिक स्टाफ की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। परिजन जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उन्हें इस कठिन समय में और अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े।