दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस और बस किराए को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने नया कानून लागू किया है। अब कोई भी निजी स्कूल बिना अनुमति के 10% से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेगा। साथ ही, बस शुल्क को वार्षिक फीस का हिस्सा माना जाएगा, जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी। यह कानून राज्य के करीब 18,000 निजी स्कूलों पर लागू होगा और शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करेगा।
नए नियमों की मुख्य बातें
निजी स्कूल बिना अनुमति के 10% से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे।
बस शुल्क को अलग से वसूला नहीं जाएगा, यह वार्षिक फीस में ही शामिल होगा।
सालाना 25,000 रुपये से अधिक फीस लेने वाले स्कूलों को बढ़ोतरी के लिए जिला समिति से अनुमति लेनी होगी।
18 हजार स्कूलों पर होगा असर
इस नए कानून से राज्य के लगभग 18,000 निजी स्कूल प्रभावित होंगे। इससे स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को अधिक संतुलित और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
अभिभावकों को मिलेगी राहत
अब अभिभावकों को फीस में अनावश्यक बढ़ोतरी और अतिरिक्त शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने का मौका मिलेगा।