दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। ग्वालियर कोर्ट ने चार साल पहले 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला से गैंगरेप करने और उसकी हत्या की कोशिश करने वाले दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुनाते हुए कहा कि "बलात्कार केवल एक शारीरिक आघात नहीं, बल्कि आत्मा पर गहरा घाव है, जो कभी भरा नहीं जा सकता। ऐसे अपराध समाज के लिए कलंक हैं और इनके प्रति कोई नरमी नहीं बरती जा सकती।"
घटना का विवरण
24 मार्च 2021 को गिरवाई थाना क्षेत्र में महिला ने गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता एक हलवाई के साथ पूड़ी बेलने का काम करती थी। 23 मार्च की रात को हलवाई का सहयोगी राजू उर्फ भरत उसे बहाने से बुलाकर ले गया। रास्ते में हलवाई कालू उर्फ दिलीप पाल भी मिल गया। दोनों आरोपी पीड़िता को ई-रिक्शा से शीतला माता मंदिर के पास ले गए, जहां उसके हाथ-पैर बांधकर गैंगरेप किया गया।
हत्या की कोशिश, फिर जंगल में छोड़ गए दरिंदे
अपर लोक अभियोजक मिनी शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने महिला पर चाकू से वार भी किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। बेहोश होने के बाद आरोपी उसे मृत समझकर मौके से फरार हो गए। अगले दिन कुछ लोगों को जंगल में महिला निर्वस्त्र अवस्था में मिली, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
डीएनए जांच ने खोला राज
पीड़िता ने अंधेरे के कारण एक आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया था, जिससे वह बच सकता था। लेकिन पुलिस ने डीएनए जांच कराई, जिसमें पुष्टि हुई कि वारदात में दोनों आरोपी शामिल थे। इस वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने कालू और राजू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उन्हें जेल भेज दिया।
कोर्ट का सख्त संदेश
ग्वालियर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि "ऐसे अपराध समाज की नींव को हिला देते हैं। कठोर सजा देना ही न्याय की आत्मा के अनुरूप है।" यह फैसला अपराधियों के लिए सख्त चेतावनी और पीड़ितों के लिए न्याय की नई मिसाल बना है।