Jabalpur News: चार चरणों में होगा उमरिया गौशाला परियोजना का विकास, कल मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे भूमिपूजन

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कल बुधवार 19 फरवरी को राँझी तहसील के अंतर्गत ग्राम उमरिया में 20.79 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाई जा रही गौशाला परियोजना के पहले चरण का भूमिपूजन करेंगे। उमरिया गौशाला परियोजना चार चरणों में पूरी होगी। इसके प्रारंभिक चरण के लिये 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जबकि पूरी परियोजना के लिये कुल अनुमानित बजट 80 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। 

उमरिया गौशाला का निर्माण भारतीय मानकों के अनुरूप किया जायेगा। इस परियोजना का उद्देश्य सड़क पर विचरण करने वाले लावारिस मवेशियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित आश्रय प्रदान करना है। 

इसे स्वावलंबी बनाने और इसे दीर्घकालिक रूप से संचालन योग्य बनाने यहाँ दुग्ध उत्पादन, गोमूत्र एवं गोबर प्रसंस्करण, जैविक खाद उत्पादन, बायोगैस निर्माण जैसी गतिविधियाँ भी संचालित की जायेंगी। 

इसके अतिरिक्त पशुओं के कल्याण के लिए पशु चिकित्सा इकाई, पोषण संबंधी देखभाल, जैव सुरक्षा उपायों को भी प्राथमिकता दी जायेगी। यहाँ सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन एवं जैविक खाद उत्पादन जैसी पर्यावरणीय अनुकूल व्यवस्थाओं का विकास भी किया जायेगा। उमरिया गौशाला में नगर निगम द्वारा कुछ शेडों का निर्माण किया जा चुका है। 

गौशाला तक पहुँचने के लिये सड़क नेटवर्क भी उपलब्ध है तथा पानी एवं विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी यहाँ वर्तमान में मौजूद है।

उमरिया गौशाला परियोजना के प्रारंभिक चरण में एक हजार मवेशियों के लिए गौशाला विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार इसे 10 हजार मवेशियों तक विस्तारित किया जाएगा।

प्रारंभिक चरण में गौशाला की भूमि का समतलीकरण एवं बाड़बंदी की जायेगी। डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण का निर्माण किया जायेगा तथा यहां रखे जाने वाले मवेशियों के लिए आवास एवं चारा भंडारण सुविधा सुनिश्चित की जायेगी। वर्षा जल संचयन के लिये तालाब का निर्माण भी पहले चरण में किया जायेगा।

उमरिया गौशाला परियोजना का दूसरा चरण स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक सुविधाओं के विस्तार पर केंद्रित होगा। यहाँ पशु चिकित्सा इकाई, प्रशासनिक भवन एवं प्रबंधन केंद्र स्थापित किया जायेगा। टीकाकरण एवं रोग नियंत्रण प्रणाली भी दूसरे चरण में सुनिश्चित की जायेगी। परियोजना के तीसरे चरण में अपशिष्ट प्रबंधन एवं पर्यावरणीय उपाय सुनिश्चित किये जायेंगे। यहॉं गौमूत्र एवं गोबर आधारित जैविक उत्पाद निर्माण इकाई एवं बायोगैस प्लांट की स्थापना की जायेगी। वर्षा जल संचयन प्रणाली का विकास भी तीसरे चरण में किया जायेगा।

परियोजना के चौथे और आखिरी चरण में दुग्ध उत्पादन इकाई एवं प्रसंस्करण इकाई की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।

उमरिया गौशाला परियोजना में सड़कों के लिये 29 हजार 172 वर्ग मीटर एवं तालाब के लिये 13 हजार 554 वर्गमीटर क्षेत्र आरक्षित किया गया है। परियोजना में 1 लाख 02 हजार 300 वर्ग मीटर क्षेत्र खुला रखा जायेगा, जबकि 19 हजार 155 वर्ग मीटर क्षेत्र में शेड का निर्माण किया जाएगा। प्रशासनिक एवं अन्य भवनों का निर्माण 26 हजार 977 वर्ग मीटर भूमि पर किया जायेगा। गौशाला की सीमा दीवार की लंबाई 2 हजार 807 मीटर होगी।

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