अपनी याचिका की प्रति भारतीय शीर्ष खुफिया अधिकारी को सौंपी
दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली । सिख कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी संघीय अदालत में दायर दस्तावेजों के अनुसार, पन्नू ने अपनी याचिका की प्रति भारतीय शीर्ष खुफिया अधिकारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंप दी है।
पन्नू की याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार, डोभाल और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या के लिए हायर किया था। यह साजिश तब विफल हो गई जब गुप्ता द्वारा हायर किया गया शूटर असल में एक अंडरकवर अमेरिकी एजेंट निकला।
याचिका में बताया गया हैं कि यह मर्डर फॉर हायर साजिश भारत सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा थी, जिसमें सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। इनमें वे लोग शामिल हैं जो पंजाब में सिखों के आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग कर रहे हैं,
अदालत में पेश किए नए दस्तावेजों के मुताबिक, पन्नू ने दो कानूनी एजेंसियों और एक निजी जांचकर्ता की मदद से अमेरिका में डोभाल के दौरे के दौरान उन्हें समन सौंपने की व्यवस्था की। अमेरिकी अदालत में दायर घोषणाओं के अनुसार, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने समन स्वीकार करने से इंका किया था, हालांकि इस उस स्थान पर भी भिजवाया गया जहां डोभाल ठहरे हुए थे। इसके बावजूद, अमेरिकी अदालत के 12 फरवरी 2025 के आदेश के तहत, डोभाल को वैकल्पिक माध्यमों से समन जारी किया गया।
अगर समन देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तब डोभाल को 21 दिनों के भीतर अमेरिकी अदालत में पन्नू के मुकदमे का जवाब देना होगा। पन्नू ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर, डोभाल और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन करते हुए एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, सिर्फ इसलिए कि उसने अपने राजनीतिक विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, मुझे अमेरिकी न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है और मुझे यकीन है कि सीमा-पार दमन (ट्रांसनेशनल रेप्रेशन) में शामिल अपराधियों को आपराधिक और दीवानी अदालत में न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।