दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने पुलिस प्रशासन और नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर छात्राओं और महिलाओं को साइबर ठगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं, जिससे आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर बढ़ते साइबर अपराध
साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर महिलाओं और युवतियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। ठग सबसे पहले पीड़ित का सोशल मीडिया अकाउंट हैक करने की कोशिश करते हैं, फिर उसके दोस्तों और रिश्तेदारों को पैसे मांगने वाले मैसेज भेजते हैं। जब तक असली अकाउंट धारक को इस ठगी की जानकारी मिलती है, तब तक कई लोग ठगों के झांसे में आकर पैसे भेज चुके होते हैं।
हाल ही में जबलपुर में एक कॉलेज छात्रा के साथ ऐसा ही मामला सामने आया, जहां साइबर ठगों ने उसका वॉट्सऐप अकाउंट हैक कर उसके दोस्तों से पैसे मांगे। जब पीड़िता को इस बात की जानकारी हुई, तो उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इसी तरह एक अन्य मामले में, एक महिला की तस्वीरों का इस्तेमाल कर ठगों ने फेक फेसबुक आईडी बना ली। उन्होंने इस फर्जी अकाउंट के जरिए लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर बातचीत में फंसाकर ब्लैकमेल करने लगे। जब महिला को इस घटना की जानकारी मिली, तो उसने अपने परिवार को सूचित किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस प्रशासन की चेतावनी
जबलपुर के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सूर्यकांत शर्मा ने इन बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की। उनका कहना है कि साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं, इसलिए जागरूकता और सतर्कता ही इससे बचने का सबसे कारगर उपाय है।
एएसपी शर्मा ने बताया कि महिलाओं और छात्राओं को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि वे साइबर अपराधियों के मुख्य निशाने पर हैं। यदि किसी को लगे कि उसका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया है या उसकी जानकारी का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो बिना देर किए पुलिस से संपर्क करें।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
पुलिस और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं, जिन्हें अपनाकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है।
सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट रखें: अपनी व्यक्तिगत जानकारी, तस्वीरें और पोस्ट केवल विश्वसनीय लोगों के साथ साझा करें।
अजनबियों से दोस्ती करने से बचें: सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से बातचीत करने से पहले उसकी पहचान की जांच करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें: अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सुरक्षा फीचर जैसे टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को सक्रिय रखें, ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति आपके अकाउंट तक न पहुंच सके।
फर्जी प्रोफाइल की रिपोर्ट करें: यदि आपको किसी के द्वारा आपकी तस्वीरों या जानकारी का दुरुपयोग कर फर्जी प्रोफाइल बनाने की जानकारी मिले, तो तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी रिपोर्ट करें और पुलिस को सूचित करें।
बैंकिंग और निजी जानकारी साझा न करें: अपने बैंक खाते, ओटीपी, पासवर्ड या किसी भी निजी जानकारी को किसी के साथ साझा न करें।
संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें: अगर आपको किसी अज्ञात स्रोत से लिंक प्राप्त होता है, तो उसे क्लिक करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें।
जागरूकता और सतर्कता ही बचाव
साइबर अपराधों से बचने के लिए सबसे जरूरी है जागरूकता। साइबर ठग लोगों की भावनाओं और असावधानी का फायदा उठाकर उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं। इसलिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
अगर कोई साइबर ठगी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। साइबर अपराध शाखा इस तरह के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही है, जिससे अपराधियों को पकड़कर कानूनी सजा दी जा सके।