Jabalpur News: स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में 6.99 करोड़ का घोटाला; 5 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में 6.99 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है। फर्जी बिल और दस्तावेजों के जरिए किए गए इस वित्तीय घोटाले में पांच अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर जिला कोषालय अधिकारी विनायिका लकरा ने ओमती थाने में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

फर्जी बिल और दस्तावेजों से हुआ गबन

जांच में पाया गया कि आरोपियों ने अपने शासकीय पद का दुरुपयोग कर षड्यंत्रपूर्वक फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार किए। मुख्य आरोपी संदीप शर्मा के अलावा सीमा अमित तिवारी, मनोज बरहैया, प्रिया विश्नोई और अनूप कुमार भौर्या इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471, 120बी सहित बी.एन.एस. की धारा 316(5), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

28 फरवरी 2025 को हुआ घोटाले का खुलासा

इस वित्तीय अनियमितता का खुलासा 28 फरवरी 2025 को तब हुआ, जब संलग्न स्वीकृति आदेश त्रुटिपूर्ण पाया गया। जिला कोषालय ने इस पर आपत्ति जताते हुए संबंधित कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा। जवाब में कार्यालय ने स्पष्ट किया कि यह आदेश उनके द्वारा जारी नहीं किया गया था। इसके बाद जिला कोषालय ने आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं।

फरवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच हुआ गबन

जांच में खुलासा हुआ कि फरवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच कार्यालय के बाबू संदीप शर्मा ने अपने वेतन देयक में अत्यधिक वेतन वृद्धि दिखाकर लगभग ₹53,55,000 का अतिरिक्त आहरण किया था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, गबन की राशि 6.99 करोड़ तक पहुंच गई।

8 सदस्यीय जांच समिति ने दी रिपोर्ट

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर जबलपुर ने 6 मार्च 2025 को 8 सदस्यीय जांच समिति गठित की। समिति ने 11 मार्च 2025 को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पांच अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई। जांच के बाद कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए, जिसके आधार पर जिला कोषालय ने ओमती थाने में मामला दर्ज करवाया।

पुलिस कर रही मामले की जांच

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की विस्तृत विवेचना शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि इस घोटाले में अन्य कर्मचारियों की भूमिका हो सकती है। पुलिस अन्य संभावित आरोपियों पर भी नजर बनाए हुए है।

Post a Comment

Previous Post Next Post