दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापकों को हाईस्कूल का प्राचार्य बनाने के सभी आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। यह आदेश उन सभी प्रधानाध्यापकों पर लागू होगा, जिन्हें उच्च पद प्रभार के तहत हाईस्कूल का प्राचार्य नियुक्त किया गया था।
विभाग के इस निर्णय के बाद अब माध्यमिक शाला के प्रधानाध्यापक हाईस्कूल प्राचार्य के पद पर नियुक्त नहीं किए जा सकेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश में संचालक ने कहा है कि प्रधानाध्यापक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक की एकीकृत वरिष्ठता सूची से उच्च श्रेणी शिक्षक की वरिष्ठता के आधार पर व्याख्याता के पद पर उच्च पद प्रभार के लिए पात्र उच्च श्रेणी शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक को हाईस्कूल प्राचार्य का पद प्रभार दिया जाना था। लेकिन प्रधानाध्यापक मिडिल से व्याख्याता का आदेश जारी करने के बाद काउंसिलिंग में सीधे प्राचार्य हाईस्कूल पद का प्रभार दे दिया गया। इससे विसंगति पैदा हो गई।
एकीकृत वरिष्ठता सूची में से वे वरिष्ठ उच्च श्रेणी शिक्षक उच्च पद के प्रभार से वंचित हो गए, जिनकी पहली दावेदारी थी। ऐसे उच्च श्रेणी शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं। जिसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापक मिडिल स्कूल को उच्च पद के प्रभार देने के आदेश निरस्त करने पड़े। हालांकि ऐसे प्रधानाध्यापक जो प्राचार्य हाईस्कूल के उच्च पद प्रभार अंतर्गत प्राचार्य हाईस्कूल के पद पर कार्यरत हैं, उनका व्याख्याता के पद पर उच्च पद प्रभार शैक्षणिक एवं व्यवसायिक योग्यता होने पर वर्तमान पदांकित संस्था में ही प्रभारी के रूप में कार्य करने के लिए आदेशित किया गया है।