दैनिक सांध्य बन्धु उज्जैन। उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष होली और रंगपंचमी पर भक्तों द्वारा रंग-गुलाल लाने और उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला पिछले साल हुई आगजनी की घटना के बाद लिया गया है, जिसमें भस्म आरती के दौरान लगी आग से पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए थे और एक सेवक की मौत हो गई थी।
पिछले साल की घटना के बाद सख्त कदम
2024 में धुलेंडी की सुबह भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा गुलाल उड़ाने से मंदिर के गर्भगृह में आग भड़क उठी थी। इस हादसे के कारण कई लोग झुलस गए थे, और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे थे। इस घटना की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, और यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि प्रतिबंध के बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में गुलाल मंदिर में कैसे पहुंचा।
मंदिर प्रशासन ने किए यह बदलाव
इस बार होली पर भक्तों के गुलाल और रंग लाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
पंडे-पुजारी और मंदिर कर्मचारी भी खाली हाथ प्रवेश करेंगे और मंदिर प्रबंधन द्वारा ही सीमित मात्रा में गुलाल उपलब्ध कराया जाएगा।
गर्भगृह में सिर्फ एक लीटर हर्बल रंग अर्पित किया जाएगा।
सुरक्षा उपायों के तहत मॉडर्न अग्निशमन प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे गर्भगृह का तापमान 57 डिग्री से अधिक होने पर अलार्म बजने लगेगा।
पीएम मोदी और गृह मंत्री ने लिया था संज्ञान
पिछले साल हुई आगजनी की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से बात कर रिपोर्ट मांगी थी। इस घटना के बाद महाकाल मंदिर के तत्कालीन प्रशासक को हटा दिया गया था।
इस वर्ष प्रशासन कड़ी निगरानी रखेगा ताकि कोई भी भक्त मंदिर परिसर में रंग-गुलाल लेकर न आ सके। होली की संध्या आरती भी सीमित गुलाल के साथ मनाई जाएगी, जिससे अनहोनी की कोई गुंजाइश न रहे।