दैनिक सांध्य बन्धु नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के मढ़ई क्षेत्र में रविवार सुबह एक मादा तेंदुआ मृत अवस्था में मिली। सुआरिया बीट में पाए गए तेंदुआ के शव पर गर्दन और पीठ पर गहरे घाव थे, जिससे वन विभाग ने बाघ के साथ संघर्ष की आशंका जताई है।
घटनास्थल पर मिले संघर्ष के निशान
सुबह सूचना मिलने के बावजूद वन विभाग की टीम दोपहर बाद मौके पर पहुंची। घटनास्थल के आसपास तेंदुआ और बाघ के खरोंच के निशान पाए गए, जिससे यह संभावना और मजबूत हो गई कि संघर्ष के दौरान आई चोटों से तेंदुआ की मौत हुई। मामले की जांच के लिए STR की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया और डॉग स्क्वॉड की मदद से आसपास के क्षेत्र में खोजबीन की।
डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम
मृत तेंदुआ के पोस्टमार्टम के लिए भोपाल से वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट (WCT) के डॉक्टर प्रशांत देशमुख और डॉक्टर हमजा फारुखी तथा नर्मदापुरम से डॉक्टर सिंघाई को बुलाया गया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि तेंदुआ की गर्दन और पीठ पर बाघ के हमले के गहरे घाव थे। केनाइन दांतों (बाघ के नुकीले दांतों) के निशान भी मिले, जिससे बाघ के हमले की आशंका और पुख्ता हो गई।
3 साल की थी मादा तेंदुआ
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि मृत तेंदुआ करीब 3 साल की मादा थी। वन विभाग के नियमों के अनुसार, पोस्टमार्टम के बाद मढ़ई में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना के बाद STR की फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा, डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले, सहायक संचालक अंकित जामोद और रेंजर पीएन ठाकुर मौके पर पहुंचे। हालांकि, घना जंगल होने के कारण शाम 7 बजे तक सभी अधिकारियों के मोबाइल नेटवर्क से बाहर रहे। वहीं, वन विभाग के निचले स्तर के कर्मचारी इस मामले में कोई टिप्पणी करने से बचते नजर आए।