दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा द्वारा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह मामला ओबीसी आरक्षण को लेकर दिए गए कथित बयानों से जुड़ा है, जिसमें तन्खा ने तीनों भाजपा नेताओं पर उनके खिलाफ झूठा और मानहानिकारक अभियान चलाने का आरोप लगाया है।
इससे पहले 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शिवराज सिंह चौहान को अधीनस्थ न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी। आज की सुनवाई में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी जाएगी, जिसमें मानहानि केस को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
सुनवाई के दौरान शिवराज सिंह चौहान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और तन्खा की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पैरवी करेंगे। शिवराज के वकीलों ने पहले की सुनवाई में दलील दी थी कि जिन बयानों को आधार बनाकर मानहानि का मामला दर्ज किया गया है, वे विधानमंडल में दिए गए थे और संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत संरक्षित हैं।
विवेक तन्खा का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2021 के आदेश के बाद भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए कि उन्होंने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। इस आधार पर तन्खा ने 10 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की और भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करने की अपील की।
इस मामले में जबलपुर की एक विशेष अदालत ने 20 जनवरी 2024 को तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें तलब किया था। हालांकि, भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट में यह कहते हुए याचिका दायर की थी कि समाचार पत्रों की कतरनों के आधार पर मानहानि की शिकायत नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट ने उनकी यह दलील खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है।
आज की सुनवाई पर राजनीतिक और कानूनी हलकों की नजरें टिकी हुई हैं।
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