दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2025 की पहली नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने इंदौर खंडपीठ से वर्चुअल शुभारंभ किया, जबकि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष एवं एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा ने जबलपुर में इसका उद्घाटन किया।
प्रदेशभर में 1424 खंडपीठों का गठन कर लम्बित और प्री-लिटिगेशन मामलों का निपटारा किया जा रहा है। हाईकोर्ट की जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर खंडपीठ में कुल 8 खंडपीठों का गठन किया गया है। न्यायालय परिसरों और कुटुंब न्यायालयों में सुबह से ही वकील, पक्षकार और आवेदक बड़ी संख्या में लोक अदालत का लाभ उठाने पहुंचे।
लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाना है, जिसमें न कोई हारता है और न कोई जीतता है, बल्कि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते से विवाद सुलझाए जाते हैं। इस लोक अदालत में प्रदेशभर में 1 लाख से अधिक लंबित और 2 लाख से अधिक प्री-लिटिगेशन स्तर के मामलों की सुनवाई हो रही है।
करदाताओं की भीड़, करोड़ों की वसूली
लोक अदालत में नगर निगम द्वारा बिजली बिल, जलकर, संपत्तिकर आदि पर छूट दी जा रही है, जिससे करदाताओं में भारी उत्साह देखा गया। जबलपुर नगर निगम मुख्यालय और जोन कार्यालयों में सुबह से ही लंबी कतारें लग गईं। दोपहर 12 बजे तक 1020 करदाताओं ने 1.33 करोड़ रुपये जमा किए। अधिकारियों का अनुमान है कि दिन के अंत तक नगर निगम के खाते में 7 करोड़ रुपये तक जमा हो सकते हैं।
राजस्व विभाग की टीम पूरी तरह सक्रिय
राजस्व अमला सुबह 9 बजे से बकायादारों से संपर्क कर उन्हें टैक्स जमा करने और छूट का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है। निगमायुक्त प्रीति यादव के निर्देशानुसार 68,000 बकायादारों की सूची तैयार की गई थी, जिन्हें फोन और फील्ड विजिट के माध्यम से जानकारी दी गई। कैश काउंटर्स जल्दी खोलने और देर तक चालू रखने की व्यवस्था की गई है, साथ ही ऑनलाइन टैक्स जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
लोक अदालत में लंबित दीवानी, आपराधिक शमनीय मामले, बैंक विवाद, श्रम विवाद, विद्युत अधिनियम व संपत्तिकर से जुड़े प्रकरणों का निपटारा किया गया।