दैनिक सांध्य बन्धु इंदौर। इंदौर में भावना सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी हत्या के बाद फरार होकर दुबई भागने की योजना बना रहे थे, लेकिन पुलिस ने करीब 1000 किलोमीटर तक पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। इस दौरान आरोपी इतने सतर्क थे कि उन्होंने लोकेशन ट्रेस होने के डर से न तो एटीएम का इस्तेमाल किया और न ही मोबाइल फोन का। पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 मोबाइल फोन, 24 एटीएम कार्ड, सट्टे के लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और 20 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं।
घटना 21 मार्च की रात इंदौर के महालक्ष्मी नगर स्थित एक फ्लैट में हुई थी। भावना सिंह, जो ग्वालियर की रहने वाली थी, अपने दोस्तों के साथ शराब पार्टी में शामिल हुई थी। पार्टी के दौरान मुकुल यादव नामक युवक ने पंजाबी गाने की आवाज तेज कर दी। भावना ने उसे आवाज कम करने के लिए कहा, लेकिन मुकुल नहीं माना। इसी बात पर दोनों के बीच विवाद हो गया और गुस्से में मुकुल ने देसी कट्टे से भावना पर फायर कर दिया।
गोली लगने के बाद आरोपी मुकुल यादव, आशु यादव और अन्य साथी भावना को कार में डालकर बॉम्बे हॉस्पिटल ले गए। लेकिन वहां पहुंचते ही वे उसे भर्ती कराकर फरार हो गए। इलाज के दौरान भावना की मौत हो गई। पुलिस को जब इस वारदात की सूचना मिली, तो उन्होंने जांच शुरू की और पता चला कि आरोपी हत्या के बाद भोपाल होते हुए भाग निकले हैं।
पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी थार जीप से फरार हुए हैं। लगातार निगरानी और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने उन्हें 1000 किलोमीटर तक पीछा कर दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी दुबई भागने की फिराक में थे और इसलिए उन्होंने किसी भी डिजिटल ट्रांजैक्शन से बचने के लिए अपने एटीएम और मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया।
लसूड़िया पुलिस ने मुकुल यादव और आशु यादव पर एक और मामला दर्ज किया है। जांच में पता चला कि ये दोनों ऑनलाइन सट्टा खिलाने का अवैध कारोबार भी करते थे। आरोपी फर्जी नामों से बैंक अकाउंट खोलकर लोगों से पैसा ट्रांसफर कराते थे और सट्टे के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। इसके लिए वे अलग-अलग मोबाइल नंबरों और सिम कार्ड्स का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने इनके पास से 28 मोबाइल, 4 लैपटॉप, 30 बैंक पासबुक, 50 एटीएम कार्ड और अन्य संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं।
भावना सिंह मूल रूप से ग्वालियर की रहने वाली थी और वहां क्लाउड किचन का काम करती थी। माता-पिता की मौत के बाद वह अपने परिवार से अलग रहने लगी थी। करीब 10 साल पहले उसकी शादी हो चुकी थी, लेकिनमाता-पिता की मृत्यु के बाद उसने अपने पति से भी नाता तोड़ लिया। वह एक रेत कारोबारी के साथ लिव-इन में रह रही थी और उसी के साथ 19 मार्च को ग्वालियर से इंदौर आई थी।
भावना इंदौर में अपनी दोस्त स्वास्तिका के घर पर रुकी थी। 20-21 मार्च की रात स्वास्तिका, मुकुल, आशु और अन्य दोस्तों के साथ उसने शराब पार्टी की। इसी दौरान मुकुल और भावना के बीच विवाद हुआ और मुकुल ने उसे गोली मार दी।
गिरफ्तार आरोपी आशु यादव और मुकुल यादव सगे भाई हैं। इनके पिता की हत्या पारिवारिक विवाद में इनके चाचा ने कर दी थी, जिसके बाद दोनों भाइयों को इंदौर भेज दिया गया था। यहां आकर उन्होंने ऑनलाइन सट्टा और अन्य अवैध धंधों में हाथ डाल दिया।
फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि वे सट्टे के इस बड़े नेटवर्क का हिस्सा कैसे बने और इसमें और कौन-कौन शामिल है। साथ ही, पुलिस हत्या की असल वजह का भी पता लगा रही है, क्योंकि कुछ सूत्रों का कहना है कि मुकुल भावना के साथ जबरदस्ती कर रहा था और भावना के विरोध करने पर उसने गोली चला दी।
भावना सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान उसका एक मुंहबोला भाई मौजूद था, जिसने उसे मुखाग्नि दी। यह घटना इंदौर में बढ़ते अपराधों और नशे की लत से जुड़ी खतरनाक सच्चाई को उजागर करती है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि सभी दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।